उग्रवादियों का बड़ा हमला, इतने भारतीय जवान हुए शहीद और इतने नाजुक

  • मणिपुर में उग्रवादियों के हमले में असम राइफल्स के 3 जवान शहीद, 4 की हालत नाजुक
  • आईईडी ब्लास्ट कर बरसाईं गोलियां, म्यांमार सीमा के पास चंदेल जिले में किया हमला
  • आजादी के बाद से अब तक असम राइफल्स के 750 जवान हो चुके हैं शहीद

नई दिल्ली। मणिपुर की राजधानी इम्फाल से 100 किलोमीटर दूर चंदेल जिले में उग्रवादियों के हमले में असम राइफल्स के 3 जवान शहीद हो गए। 4 जवानों की हालत गंभीर बताई गई है। उग्रवादी एक लोकल ग्रुप पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के बताये गये हैं।
गौरतलब है कि भारत-म्यांमार सीमा पर उग्रवादी समूहों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इस दौरान जवान उग्रवादियों की ओर से लगाई गई आईईडी की चपेट में आ गए। इसके बाद घात लगाकर बैठे उग्रवादियों ने जवानों पर गोलियां बरसा दीं। हमले के बाद सेना उग्रवादियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चला रही है। साथ ही भारत-म्यांमार सीमा पर चौकसी भी बढ़ा दी गई है। उग्रवादियों ने नवंबर 2019 में भी चंदेल जिले के पास ही असम राइफल्स के कैंप पर हमला किया था। कैंप पर बम फेंके गए थे। इसके बाद दोनों ओर से गोलीबारी हुई थी। इस हमले में सेना का कोई भी जवान हताहत नहीं हुआ था।
एक दुखद हकीकत यह है कि आजादी के बाद से यहां उग्रवादियों के साथ लड़ाई में असम राइफल्स के 750 से अधिक जवान शहीद हो चुके हैं। माना जाता है कि उग्रवादी संगठनों को चीन से हथियार और आर्थिक मदद मिलती है। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक चीन की मदद से ही उग्रवाद जिंदा है
इस वर्ष की शुरुआत में एनआईए ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के खिलाफ एक चार्जशीट दायर की थी। 15 नवंबर 2017 में पीएलए और मणिपुर नागा पीपुल्स फ्रंट (एमएनपीएफ) ने चंदेल जिले में असम राइफल्स की पेट्रोलिंग पार्टी पर हमला किया था। इसमें एक जवान शहीद हुआ था, जबकि दो उग्रवादी मारे गए थे।

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