नए अध्यक्ष का जल्द होगा ऐलान
- राहुल के पद से इस्तीफा देने की बात पर अड़ रहने से सुलझी नया अध्यक्ष ढूंढने की समस्या
- राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के राहुल की जगह पार्टी के नए अध्यक्ष बनने की चर्चा
- उत्तराखंड के हरीश रावत भी कांग्रेस के नये अध्यक्ष बनने की होड़ में शामिल
नई दिल्ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत राहुल गांधी की जगह पार्टी के नए अध्यक्ष बनाये जा सकते हैं। हालांकि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का नाम भी कांग्रेस के नये अध्यक्ष बनने की चर्चाओं में है। हालांकि इस बारे में तस्वीर अभी साफ नहीं है कि अशोक गहलोत या हरीश रावत में से एक कांग्रेस अध्यक्ष होगा या दो-तीन और नेताओं को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाएगा। इसके बावजूद बदले घटनाक्रम में इतना तो तय माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिलने वाला है जो निश्चित रूप से गांधी परिवार से नहीं होगा।
हालांकि कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रेस वार्ता कर यह साफ किया था कि इस विवाद का पटाक्षेप किया था कि राहुल ही कांग्रेस के अध्यक्ष बने रहेंगे। इसके बावजूद राहुल के इस्तीफा देने पर अड़े रहने की खबरें आ रही हैं। गौरतलब है कि गहलोत ने बुधवार को राहुल को जन्मदिन की बधाई देते हुए उनसे पार्टी प्रमुख बने रहने का आग्रह किया। सूत्रों के अनुसार मनाने की तमाम कोशिशों के बावजूद राहुल नहीं माने और उन्होंने साफ कर दिया कि जब तक पार्टी नया नेतृत्व नहीं चुनती है, तब तक नई शुरुआत मुमकिन नहीं है। इसके साथ ही राहुल ने यह भी साफ कर दिया है कि उनके बदले प्रियंका गांधी के नाम पर भी विचार नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि नरेंद्र मोदी वंशवाद के मुद्दे पर कांग्रेस को लगातार घेरते रहे हैं। ऐसे में राहुल के हटने और कांग्रेस के किसी वरिष्ठ नेता को अध्यक्ष बनाने से यह मुद्दा समाप्त हो जाएगा।
गहलोत के कांग्रेस के नये अध्यक्ष बनने की चर्चाओं के पक्ष में कई तर्क दिये जा रहे हैं। जिनमें कहा जा रहा है कि उन्हें संगठन चलाने का पुराना अनुभव रहा है। साल 2017 में गुजरात असेंबली चुनावों में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन के पीछे उन्हीं का प्रयास माना गया। वह पिछड़ी जाति से आते हैं। कांग्रेस को अगर खोया जनाधार वापस पाना है तो इसी समुदाय से वोट फिर हासिल करने की बड़ी चुनौती है। उनके सोनिया और राहुल गांधी से बेहतर रिश्ते हैं। इसके अलावा कांग्रेस के अन्य नेताओं से भी उनके समीकरण ठीक हैं।
सूत्रों के अनुसार, अशोक गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने के बाद राजस्थान की कमान उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को दी जा सकती है। हाल के समय में गहलोत और पायलट गुट के बीच विवाद की कई खबरें आई हैं। पार्टी को लगता है कि गहलोत के अध्यक्ष बनने से यह समस्या भी दूर हो जाएगी।
उधर हरीश रावत के कांग्रेस के अध्यक्ष बनने के पक्ष में भी उनकी काबिलियत को कमतर नहीं आंका जा रहा है। हरीश को जमीन से जुड़ा और कर्मठ नेता माना जाता है। वह केंद्र सरकार में केंद्रीय मंत्री के तौर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। इसके साथ ही वह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहते हुए कई कीर्तिमान स्थापित कर चुके हैं। मुख्यमंत्री रहते हुए एक समय तो उन्होंने सीधे-सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी सियासत की शतरंज पर शह और मात का खेल खेला था। हरीश रावत की सरकार को भंग कर राष्ट्रपति शासन लगने के बाद हाईकोर्ट और उसके बाद सुप्रीमकोर्ट से उनके पक्ष में फैसला आने और पुन: सरकार बनाने पर उस समय देश की राजनीति में उनका कद बहुत बड़ा हो गया था। इसके साथ ही संगठन के कार्यों में उन्हें विशेषज्ञ माना जाता है। अगर उन्हें कांग्रेस में अध्यक्ष या कार्यकारी अध्यक्ष की कमान सौंपी जाती है तो हरीश रावत इस समय भंवर से गुजर रही कांग्रेस की नैया के एक अच्छे मांझी साबित हो सकते हैं।