देहरादून। अब दिल्ली दूर नहीं वाली कहावत चरितार्थ होने लगी है। देहरादून से दिल्ली का सफर कुछ घंटांे में तय हो जाएगा। जिसको लेकर दिल्ली से देहरादून तक दिल्ली-देहरादून इकोनोमिक कॉरिडोर ग्रीन एक्सप्रेसकृवे का निर्माण होना है। इस एक्सप्रेस-वे पर करीब 15 हजार करोड़ की लागत आएगी। मार्च 2021 में 6 लाइन ग्रीन एक्सप्रेस-वे के लिए काम शुरू हो जाएगा। दावा है कि वर्ष 2023 तक दिल्ली-देहरादून इकोनोमिक कॉरिडोर का काम पूरा कर लिया जाएगा।
नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया द्वारा करीब 210 किलोमीटर लंबे दिल्ली-देहरादून इकोनोमिक कॉरिडोर ग्रीन एक्सप्रेसवे निर्माण की मंजूरी मिल चुकी है।छह लाइन का होगा एक्सप्रेस-वे
छह लाइन का एक्सप्रेस वे बनने से दिल्ली और देहरादून के बीच की दूरी घटेगी और आवागमन में जाम से भी नहीं जूझना पड़ेगा। यह एक्सप्रेसकृवे बागपत-शामल, मुजफ्फरनगर-सहारनपुर होते हुए देहरादून तक जुड़ेगा। इतना ही नहीं एक्सप्रेस वे एलिवेटेड रोड और सुरंगों के माध्यम से हाईवे बनेगा।
एनएचएआई के परियोजना निदेशक संजय कुमार मिश्रा के अनुसार एनएचएआई ने एक्सप्रेस वे निर्माण को वर्ष 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इसको तीन सेक्शन में बांटा गया है। अक्षरधाम से ईपीई जंक्शन, 18 किलोमीटर एलिवेटेड और 13 किलोमीटर चैड़ीकरण, लागत 3300 करोड़ रुपये। दूसरे सेक्शन में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे मवीकलां बागपत जंक्शन से शामली-मुजफ्फरनगर के बीच से होते हुए सहारनपुर बाईपास, ग्रीनफील्ड के तौर पर विकसित होगा जिसकी लागत पांच हजार करोड़ रुपये होगी। तीसरे सेक्शन में सहारनपुर से गणेशपुर-देहरादून तक एलिवेटेड सुरंग और चैड़ीकरण होगा। इसकी लागत 16 सौ करोड़ रुपये आएगी।