तीन साल पुरानी फोटो डालकर तवांग को सुरक्षित बता रहे केंद्रीय मंत्री रिजिजू, कांग्रेस बोली- गजब फर्जीवाड़ा!

नई दिल्ली। भारत और चीन के सैनिकों के बीच 9 दिसंबर को तवांग में हुई झड़प के बाद आज शनिवार को केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू सैनिकों से मुलाकात करने की एक तस्वीर शेयर कर विवादों में घिर गए हैं। कांग्रेस ने उनके ट्वीट के इस फोटो पोस्ट को तीन साल पुराना बताया है। कांग्रेस के प्रवक्ता बीवी श्रीनिवास ने दोनों फोटो को एक साथ ट्वीट करते हुए लिखा है कि 2019 की तस्वीर का इस्तेमाल कर 2022 में सुरक्षा का भरोसा दिलाया जा रहा है।
आज शनिवार को रिजिजू ने सैनिकों से मुलाकात की एक तस्वीर ट्वीट करते हुए तवांग को पूरी तरह सुरक्षित बताया है। कांग्रेस इस तस्वीर को 3 साल पुरानी बता रही है। केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने आज ट्वीट करके सैनिकों से मुलाकात की एक तस्वीर पोस्ट की है। उन्होंने तवांग को पूरी तरह सुरक्षित बताया। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग में यांग्त्से क्षेत्र भारतीय सेना के बहादुर जवानों की पर्याप्त तैनाती के कारण अब पूरी तरह से सुरक्षित है।

उधर अरुणाचल प्रदेश के तवांग में 9 दिसंबर को भारत और चीन की सेना के बीच हुई झड़प पर सियासी बवाल जारी है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज शनिवार को कहा कि बॉर्डर के नजदीक चीनी कंस्ट्रक्शन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। उन्होंने कहा- चीन डोकलाम में जामफेरी रिज तक निर्माण कर रहा है। इससे नॉर्थ ईस्ट के प्रवेश द्वार सिलीगुड़ी कॉरिडोर को खतरा है। प्रधानमंत्री जी, चीन पर चर्चा कब होगी? खड़गे ने आज शनिवार की सुबह ट्वीट करके डोकलाम में चीन के निर्माण को राष्ट्र के लिए खतरा बताया। ट्वीट में उन्होंने मोदी को भी टैग किया। जिसमें उन्होंने न्यूज पेपर्स की कटिंग लगाई हैं। इससे पहले खड़गे ने कहा था कि ऐसा लगता है कि सरकार की लाल आंख पर चीनी चश्मा लगा है।
इस बीच राहुल गांधी के बयान पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि राहुल का बयान मनोबल तोड़ने वाला है। इसकी जितनी निंदा की जाए, कम है। भारतीय सेना शौर्य और पराक्रम की प्रतीक है। जब-जब देश पर संकट आया, भारतीय सेना मुस्तैदी के साथ देश की सुरक्षा में लगी रही।
नड्डा ने कहा, “हम जानते हैं कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने कांग्रेस के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। हम जानते हैं कि राजीव गांधी फाउंडेशन को चीनी दूतावास ने किस तरह से आर्थिक मदद और फंडिंग दी है। शायद यही वजह है कि राहुल बार-बार चीन और पाकिस्तान की भाषा बोलते हैं।”
उन्होंने कहा, “जब भारतीय सेना डोकलाम में थी, तब राहुल ने चुपचाप चीनी दूतावास में चीन के अधिकारियों से मुलाकात की थी। उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा पर सवाल उठाए थे। इससे साबित होता है कि वह भारत की भाषा नहीं बोलते हैं। मैं ऐसे बयानों की निंदा करता हूं, यह देश के प्रति राहुल की मानसिकता को दर्शाता है।”
उधर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज शनिवार की सुबह कहा कि संसद में मैंने जो कहा है, उससे अलग बात नहीं कहूंगा। गलवान हो या तवांग, हमारे रक्षा बलों ने अपनी वीरता और पराक्रम को साबित किया है। सेना ने अपने साहस से बॉर्डर पर करिश्मा किया है। उन्होंने आगे कहा कि हमने विपक्ष में नेताओं की मंशा पर कभी सवाल नहीं उठाया। हमने सिर्फ नीतियों के आधार पर बहस की है।

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