एक और ‘सुप्रीम’ आदेश : कोरोना से मौत पर परिवार को मुआवजा दे मोदी सरकार

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के दौर में आज बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक और बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना से मौत होने पर परिजन मुआवजे के हकदार हैं। मोदी सरकार उन्हें मुआवजा दे। मुआवजे की रकम कितनी होगी, ये सरकार तय करे। कोर्ट ने नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (एनडीएमए) पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि वह मुआवजा दिए जाने की गाइडलाइन तय करे।
उच्चतम न्यायालय ने दिए 3 और बड़े निर्देश

1. कोरोना से मौत होने पर डेथ सर्टिफिकेट जारी करने की व्यवस्था सरल हो। अधिकारी इसके लिए गाइडलाइन जारी करें।
2. फाइनेंस कमीशन के दिये प्रस्ताव के आधार पर केंद्र उन उस व्यक्ति के परिवार के लिए इंश्योरेंस स्कीम बनाए, जिसकी जान आपदा में चली गई।
3. राहत के न्यूनतम मानकों को ध्यान में रखते हुए कोविड मृतकों के परिवारों के लिए एनडीएमए गाइडलाइन 6 हफ्तों के भीतर जारी करे।

फैसले के दौरान कोर्ट की 2 अहम टिप्पणियां

एनडीएमए पर : आपका कर्तव्य है कि आप राहत के न्यूनतम पैमाने बताएं। ऐसा कुछ भी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है जिससे पता चले कि कोविड पीड़ितों के लिए आपने ऐसी राहत या मुआवजे की कोई गाइडलाइन जारी की हो। आप अपना वैधानिक कर्तव्य निभाने में विफल रहे हैं।
मोदी सरकार पर : किसी भी देश के पास अपार संसाधन नहीं होते। मुआवजे जैसी चीज हालात और तथ्यों पर आधारित होती है। ऐसे में ये सही नहीं है कि हम केंद्र को निर्देश दें कि मुआवजे के लिए इतनी तय रकम दी जाए। ये रकम केंद्र को तय करनी होगी। आखिरकार प्राथमिकताएं केंद्र ही तय करता है।
याचिका में की थी 4 लाख मुआवजे की अपील : जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने गौरव बंसल बनाम केंद्र सरकार और रीपक कंसल बनाम केंद्र सरकार केस में ये फैसला सुनाया है। याचिकाकर्ता ने कहा था कि कोरोना संक्रमण और संक्रमण के बाद तबीयत खराब होने से जान गंवाने वाले परिवारों को 4 लाख रुपए मुआवजा दिया जाए। याचिका में यह भी कहा था कि कोरोना से मौत होने पर डेथ सर्टिफिकेट जारी करने की प्रक्रिया सरल की जाए।
सुप्रीम कोर्ट के दो दिनों में कोरोना से जुड़े दो बड़े फैसले दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा था कि वे 31 जुलाई तक वन नेशन-वन राशन कार्ड स्कीम लागू करें, ताकि अपने राज्यों से दूसरे राज्यों में गए प्रवासी मजदूरों को राशन आसानी से मिले। 
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिए कि वो असंगठित मजदूरों के रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल डेवलप करे, ताकि उन्हें स्कीमों का फायदा दिया जा सके। केंद्र राज्यों को राशन मुहैया कराए और राज्य तब तक कम्युनिटी किचन चलाएं जब तक देश में महामारी से पनपे हालात खत्म नहीं हो जाते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here