मोदी और शाह पर क्यों नहीं की कार्रवाई, बताये चुनाव आयोग

सुप्रीम कोर्ट जारी किया नोटिस

  • कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उठाया कदम 
  • आचार संहिता तोड़ने के आरोप में कार्रवाई न करने पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछी वजह, अगली सुनवाई 2 मई को
  • आयोग के मना करने पर भी दोनों नेताओं ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान बार-बार किया सेना का जिक्र
  • सिंघवी ने आयोग से सवाल पूछा था, क्या चुनाव आचार संहिता के दायरे से बाहर हैं मोदी और शाह 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर लगे आचार संहिता उल्लंघन के आरोप के मामले में कार्रवाई न करने पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह कदम उठाया है। मामले की अगली सुनवाई 2 मई को होगी।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मसले पर पहले चुनाव आयोग का फैसला सामने आने दें। वहीं चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि इस मसले पर अभी उनकी बैठक चल रही है, वह जल्द ही कोई एक्शन लेंगे। गौरतलब है कि कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने याचिका दाखिल कर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग को निर्देश दे कि वो 24 घंटे के भीतर मोदी और शाह के खिलाफ शिकायतों पर फैसला करे।सुष्मिता ने अपने याचिका में कहा है कि उन दोनों ने हेट स्पीच का इस्तेमाल किया था। चुनाव आयोग के मना करने के बावजूद दोनों नेताओं ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान बार-बार सेना का जिक्र किया। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से दोनों के बारे में आचार संहिता  उल्लंघन की शिकायत की थी लेकिन तीन हफ्ते बीतने के बाद भी चुनाव आयोग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने चीफ जस्टिस रंजन गोगई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख करते हुए जल्द सुनवाई की गुहार की थी। सिंघवी ने इस मामले में चुनाव आयोग की चुप्पी को लेकर सवाल भी उठाया था। उन्होंने चुनाव आयोग से यह सवाल पूछा था कि क्या मोदी और शाह चुनाव आचार संहिता के दायरे से बाहर हैं।गौरतलब है कि बीते माह आयोग ने राजनीतिक दलों को अपने चुनाव प्रचार अभियान में सेना शब्द का इस्तेमाल न करने का निर्देश दिया था। हालांकि, इसका असर न के बराबर होता दिखाई दिया। मोदी, अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ अपने-अपने भाषण में भारतीय सेना का बार—बार जिक्र करते हुए दिखे हैं। योगी आदित्यनाथ ने तो एक जनसभा में सेना को ‘मोदीजी की सेना’ बता दिया था। इसके बाद चुनाव आयोग ने उन पर 72 घंटे तक चुनाव प्रचार करने का प्रतिबंध लगाया था।

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