स्नातक कर्मी को 19,572 रुपये से कम नहीं दे सकते वेतन!

सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला

  • दिल्ली सरकार के न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने के फैसले को दी हरी झंडी
  • दिवाली से पहले ही इसकी अधिसूचना जारी कर देगी दिल्ली सरकार
  • दिल्ली में अकुशल श्रमिकों को प्रति महा मिलेगी 14,842 रुपये न्यूनतम मजदूरी  

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने के फैसले को हरी झंडी दे दी है। अदालत की रजामंदी के बाद अब दिल्ली सरकार दिवाली से पहले ही इसकी अधिसूचना जारी कर देगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में स्नातक कर्मचारियों को 19,572 रुपये प्रतिमाह से कम वेतन नहीं दे सकते।
इससे पहले वर्ष 2017 में न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने के दिल्ली सरकार के फैसले का अलग-अलग हितधारकों ने विरोध किया था। वे इसके खिलाफ हाईकोर्ट चले गए थे। हाईकोर्ट ने बीते 4 सितंबर 2018 को न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने के फैसले पर पर रोक लगा दी थी। इस फैसले के खिलाफ दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी। सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला आया। अदालत ने न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए तीन माह का समय दिया था।
दिल्ली सरकार अब अकुशल श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी 14,842 रुपये प्रति माह, अर्ध कुशल श्रमिकों के लिए 16,341 रुपये प्रति माह और कुशल श्रमिकों के लिए 17,991 रुपये प्रति माह करने की अधिसूचना जारी करने की तैयारी कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में स्नातक कर्मचारियों को 19,572 रुपये प्रतिमाह से कम वेतन नहीं दे सकते। इस बारे में दिल्ली सरकार का कहना है कि 10 माह का पिछला महंगाई भत्ता भी श्रमिकों को मिलेगा। अधिसूचना जारी करने के साथ सरकार सुनिश्चित करेगी कि मजदूरों को उनका हक भी मिले।

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