दो सौ मौलाना किये देश से बाहर!

सुरक्षा को लेकर सख्ती

  • अब धार्मिक शिक्षकों की एंट्री को लेकर भी वीजा प्रतिबंधों को कड़ा करेगी श्रीलंका सरकार
  • दूसरे सप्ताह कैथोलिक समुदाय ने अपने घरों में ही आयोजित की रविवार की प्रार्थना सभा 

कोलंबो। ईस्टर संडे पर हुए सीरियल आत्मघाती विस्फोटों के बाद श्रीलंका ने आतंकियों के साथ ही कट्टरपंथियों पर भी शिकंजा कस दिया है। गत 21 अप्रैल को ईस्टर के मौके पर तीन चर्चों और तीन होटलों में हुए आठ सीरियल विस्फोटों के बाद से सरकार ने अब तक 200 मौलानाओं समेत 600 विदेशी नागरिकों को देश से बाहर कर दिया है। गृह मंत्री ने बताया कि ये मौलाना वैध रूप से देश में आए थे, लेकिन हमलों के बाद हुई सुरक्षा जांच में पाया गया कि वे वीजा खत्म होने के बावजूद देश में रह रहे थे। इसके लिए उन पर जुर्माना लगाकर देश से निष्कासित कर दिया गया। 
यह जानकारी देते हुए गृह मंत्री वाजिरा अभयवर्द्धने ने कहा, ‘देश में सुरक्षा की स्थिति को ध्यान में रखते हुए हमने वीजा प्रणाली की समीक्षा की और धार्मिक शिक्षकों के लिए वीजा प्रतिबंध को कड़ा करने का फैसला लिया। निष्कासित किए गए लोगों में 200 मौलाना हैं।’ इसके साथ ही प्रशासन ने आम लोगों से अपील की है कि अपने घरों में रखी तलवारों और चाकुओं को सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस को सौंप दें। पुलिस ने कहा कि जनता को तलवारों और चाकुओं को नजदीकी पुलिस स्टेशन में सौंप देने को कहा गया है। 
उधर लगातार दूसरे सप्ताह कैथलिक समुदाय ने अपने घरों में रविवार की प्रार्थना सभा को आयोजित किया। कोलंबो के आर्कबिशप कार्डिनल माल्कॉम रंजित ने अपने घर से प्रार्थना सभा का आयोजन किया, जिसका प्रसारण टीवी पर किया गया। इसमें पादरियों और ननों ने हिस्सा लिया। पोप फ्रांसिस द्वारा कार्डिनल को संबोधित की गई चिट्ठी भी अंत में पढ़ी गई। सेंट एंथनी श्राइन जहां हमला हुआ था, वहां बच्चों और युवाओं के लिए प्रार्थना आयोजित की गई। हालांकि अधिकतर चर्च बंद रहे और वहां सेना और पुलिस के जवान सुरक्षा में जुटे हुए हैं। 
आंतकी हमले के बाद पैदा हुए डर के माहौल में बंद कर दिए गए स्कूल दो सप्ताह बाद कल सोमवार से खुलने जा रहे हैं।  मंत्री अकिला विराज करियावासम ने बताया कि स्कूल के नए सत्र की शुरूआत के साथ स्कूल परिसरों में एक विशेष सुरक्षा कार्यक्रम को लागू किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि कोलंबो में 21 अप्रैल को ईस्टर के मौके पर हुए बम धमाकों में 253 लोगों की मौत हो गई थी और 500 से ज्यादा घायल हो गए थे। इन हमलों को स्थानीय मौलाना ने अंजाम दिया था, जिन्होंने हमले से पहले पड़ोसी देश भारत का दौरा कर आतंकियों से संपर्क बनाए थे। श्रीलंका ने हमले के लिए स्थानीय आतंकी संगठन नेशनल तौहीद जमात को जिम्मेदार ठहराया था जबकि कुछ दिन बाद इस्लामिक स्टेट ने हमले की जिम्मेदारी कबूली थी।

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