शादी के बाद रोना नहीं चाहते तो जरूर पढ़ें!

प्री-मैरिटल हेल्थ चेकअप से मिलेगा कई भावी मुसीबतों से छुटकारा

देहरादून। कहते हैं कि शादी के लड्डू जिसने खाये वो पछताये और जिसने नहीं खाये वो भी पछताये। जब दोनों तरह से पछताना ही है तो क्यूं न ‘लड्डू’ खाकर ही पछतायें। हालांकि आजकल ‘लड्डू’ खाना बहुत महंगा सौदा साबित हो रहा है। कई जोड़े इस ‘लड्डू’ के खाने से पहले ही आगे आने वाले खतरों से बचने के लिये प्री-मैरिटल हेल्थ चेकअप कराने लगे हैं। जिनमें फिल्म जगत की हस्तियां भी पीछे नहीं है। 
गत दिनों फिल्म अभिनेता अर्जुन कपूर और उनकी गर्लफ्रेंड मलाइका अरोड़ा को मुंबई के एक निजी अस्पताल में एक साथ देखा गया था। उसके बाद से खबरों का बाजार गर्म है कि ये दोनों शादी से पहले करवाए जाने वाले प्री-मैरिटल हेल्थ चेकअप के लिए अस्पताल पहुंचे थे। बॉलीवुड के सबसे चर्चित जोड़े में से एक दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह ने भी नवंबर 2018 में शादी से पहले प्री-मैरिटल हेल्थ चेकअप करवाया था। 
तो आइये, हम बताते हैं कि आखिर क्या है प्री-मैरिटल चेकअप और इसमें कौन-कौन से टेस्ट करवाए जाते हैं और आखिर यह क्यों है जरूरी? प्री-मैरिटल चेकअप एक ऐसी स्वास्थ्य जांच है जो शादी के बंधन में बंधने जा रहे जोड़े को जरूर करवानी चाहिए ताकि उन्हें पता चल सके कि दोनों में से किसी को भी किसी तरह की कोई आनुवंशिक, खून से जुड़ी या संक्रमण वाली कोई बीमारी तो नहीं है। शादी से पहले इस तरह की स्वास्थ्य जांच इसलिए भी जरूरी है ताकि होने वाले बच्चे को माता-पिता की इन बीमारियों के खतरे से बचाया जा सके। दुनियाभर में बच्चों में आनुवंशिक और खून की खराबी से जुड़े रोगों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। इसलिये प्री-मैरिटल चेकअप बेहद जरूरी हो जाता है।
यूएई समेत कई देशों में तो शादी से पहले प्री-मैरिटल चेकअप करवाना अनिवार्य है। इस जांच को कभी भी करवाया जा सकता है लेकिन शादी से छह महीने पहले हेल्थ चेकअप करवाने का सही समय माना जाता है। इन जांचों में एचआईवी, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी और इस तरह की कई बीमारियों की जांच शामिल हैं जिनसे छुटकारा पाना आसान नहीं होता। जिससे कई बार शादीशुदा जिंदगी में भी मुश्किलें आ सकती हैं। अगर आपके साथी को इसमें से कोई बीमारी है तो आप यह भी फैसला ले सकते हैं कि आपको शादी के फैसले में आगे बढ़ना है या नहीं। इनके साथ ही किसी भी तरह के यौन रोग और संक्रमण की भी पहले से जानकारी मिल जाती है ताकि उसका सही इलाज हो सके। इन जांचों में फर्टिलिटी टेस्ट भी बेहद जरूरी है और इसके बारे में जितनी जल्दी पता चल जाए उतना अच्छा है ताकि शादी के बाद किसी भी तरह की समस्या से बचा जा सके। इस तरह के टेस्ट में मधुमेह, तनाव, किडनी से जुड़ी बीमारियां, थैलसीमिया और कुछ खास तरह के कैंसर की भी जांच की जाती है ताकि होने वाले बच्चे को इन बीमारियों के खतरे से बचाया जा सके।

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