मॉडर्ना, फाइजर पर ‘करम’ तो सीरम पर सितम क्यों ?

  • वैक्सीन बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने मोदी सरकार से कहा, सभी के लिए बराबर होना चाहिए कानून

नई दिल्ली। फाइजर और मॉडर्ना कंपनियों को मोदी सरकार द्वारा ‘दायित्वमुक्त’ किये जाने के बाद  कोरोना वैक्सीन कोवीशील्ड बनाने वाली सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने भी सरकार से वैसी ही कानूनी सुरक्षा की मांग की है। सीरम कंपनी ने कहा है कि कानून सभी के लिए बराबर होना चाहिए। यदि विदेशी वैक्सीन कंपनियों को कानूनी सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है, तो उन्हें भी ये सुविधा मिलनी चाहिए।
कंपनी के सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि सिर्फ सीरम को ही नहीं, बल्कि देश में वैक्सीन का उत्पादन कर रही हर कंपनी को सुरक्षा दी जानी चाहिए। सीरम देश में एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन का उत्पादन कोवीशील्ड के नाम से कर रहा है।
इससे पहले बुधवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा था कि कई देशों ने वैक्सीन कंपनियों को ये सुविधाएं दी हुई हैं। भारत को भी ये सुविधा देने में कोई परेशानी नहीं है। विदेशी कंपनियां इमरजेंसी अप्रूवल के लिए आवेदन करती हैं, उन्हें ये सुविधा मिल सकती है।
फाइजर और मॉडर्ना को मिलेंगी ये सुविधाएं : मोदी सरकार और फाइजर और मॉडर्ना के बीच वैक्सीन की डील को लेकर कई दौर की बातचीत हो चुकी है। फाइजर ने भी एक बयान जारी कर बताया था कि भारत के साथ वैक्सीन को लेकर बातचीत चल रही है और जल्द ही इसके नतीजे सामने होंगे।
हालांकि वैक्सीन डील को लेकर मामला एक जगह फंसा हुआ है। दरअसल इन कंपनियों ने अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई सरकारों से कानूनी सुरक्षा का भरोसा मांगा है। अब फाइजर यही मांग भारत में कर रही हैं। कंपनियां यह चाहती हैं कि वैक्सीन लगने के बाद किसी भी प्रकार का कोई कानूनी पेंच फंसता है तो इसके लिए कंपनी जवाबदेह नहीं होगी। केंद्र सरकार को इसके लिए आगे आना होगा।
स्पुतनिक-वी के लिए टेस्ट लाइसेंस मांगा : वहीं सीरम कंपनी ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से रूस की कोविड वैक्सीन स्पुतनिक-V बनाने के लिए टेस्ट लाइसेंस के लिए मंजूरी मांगी है। सूत्रों के मुताबिक आज गुरुवार को पुणे स्थित फर्म ने टेस्ट एनालिसिस और टेस्टिंग के लिए भी मंजूरी मांगी है। रूस की स्पुतनिक-वी वैक्सीन इस वक्त भारत में डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज बना रही है।
गौरतलब है कि सीरम इंस्टीट्यूट वैक्सीन बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है। अब तक यह अलग-अलग वैक्सीन के 1.5 अरब डोज बेच चुकी है। यह एक तरह का रिकॉर्ड भी है। एक आंकड़े के मुताबिक, दुनिया के 60% बच्चों को सीरम की कोई न कोई वैक्सीन जरूर लगी है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) से मान्यता प्राप्त सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की वैक्सीन 170 देशों में सप्लाई होती हैं। यह कंपनी पोलियो वैक्सीन के साथ-साथ डिप्थीरिया, टिटनस, परट्यूसिस, एचआईवी, बीसीजी, आर-हेपेटाइटिस बी, खसरा, मम्प्स और रूबेला के टीके भी बनाती है।

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