- मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह ने झाझरा में किया साइंस सिटी का शिलान्यास
- केंद्र सरकार ने साइंस सिटी के लिए दी 134 करोड़ रुपये की स्वीकृति
- मसूरी पेयजल योजना के लिए केंद्र से मिली 124 करोड़ रुपये की मंजूरी
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को विज्ञानधाम झाझरा में साइंस सिटी का भूमि पूजन व शिलान्यास किया। साइंस सिटी के लिए केन्द्र सरकार ने 134 करोड़ रुपये मंजूर किये गये हैं। इसके साथ ही केन्द्र सरकार से मसूरी पेयजल योजना के लिए 124 करोड़ रूपये की स्वीकृति मिल चुकी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले डाॅ. बृज मोहन शर्मा को दो लाख रुपये व प्रशस्ति पत्र प्रदान किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सांइस सिटी का निर्माण कार्य जल्द पूरा किया जायेगा। साइंस सिटी के लिए देहरादून के झाझरा क्षेत्र को इसलिए चुना गया क्योंकि यहां पर अनेक शिक्षण संस्थान हैं। यह एक तरह से एजुकेशन हब है। देशभर से छात्र यहां पर शिक्षा ग्रहण करने लिए आते हैं। यह साइंस सिटी छात्र—छात्राओं के लिये आर्कषण का केन्द्र बनेगी। इस संस्थान के बनने से हमारी नई पीढ़ी वैज्ञानिक अन्वेषणों और गतिविधियों से प्रेरित होगी। यह विज्ञान केन्द्र युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा केन्द्र बनेगा।
त्रिवेंद्र ने कहा कि 2005 में जब गुजरात में सांइस सिटी बन रही थी, उस समय उन्होंने उसी से प्रेरित होकर उत्तराखण्ड में सांइस सिटी के निर्माण के लिए सोचा था। यह उनका सौभाग्य है कि उत्तराखण्ड की साइंस सिटी का शिलान्यास करने का अवसर भी उन्हें मिला है। यह देश की पांचवीं साइंस सिटी होगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में जल संकट का समाधान करना राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में है। आने वाले तीन सालों में देहरादून जिले की 60 प्रतिशत जनसंख्या को ग्रेविटी वाॅटर पर लाने का लक्ष्य रखा गया है। सोंग बांध भी 50 साल तक जल स्तर की समस्या को समाप्त करने में सहायक होगा। सौंग बांध पर कार्य प्रारम्भ होने के बाद 350 दिनों में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे प्रतिवर्ष सवा करोड़ रूपये की बिजली की बचत भी होगी। इसके साथ ही हल्द्वानी शहर के लिए जमरानी बांध से ग्रेविटी वाॅटर की तैयारी कर रहे हैं इसके लिए प्रधानमंत्री को अवगत भी कराया गया है। बहुउद्देश्यी जमरानी बांध परियोजना के लिये भी पर्यावरण मंत्रालय द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी है। परमेश्वर अय्यर जिन्होंने स्वच्छ जल की परिकल्पना दी, उन्होंने भरपूर सहयोग का आश्वासन भी दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचेश्वर बांध पर भी हमने कैबिनेट में निर्णय लिया उससे भी हम ग्रेविटी वाटर पूरे ऊधमसिंहनगर को देंगे। बरसात का पानी इकठ्ठा करने के लिए वाॅटर काॅर्पस बनाया जा रहा है। पौड़ी में झील का निर्माण किया जा रहा है जिसकी क्षमता 80 करोड़ लीटर की होगी। गैरसेंण, पिथौरा़गढ़ में भी इस तरह की योजनाएं बनाई जा रही हैं। इस मौके पर विधायक सहदेव सिंह पुण्डीर ने कहा कि उत्तराखण्ड में साइंस सिटी बनने के बाद यहां होने वाली अनेक वैज्ञानिक गतिविधियों व नई तकनीक के प्रयोग बच्चों को विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों व शोध के लिए प्रेरित करेंगे। वैज्ञानिकों के व्याख्यान व अन्य गतिविधियां भविष्य में आकर्षण का केन्द्र बनेंगे। इस अवसर पर सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आरके सुधांशु, निदेशक यूकाॅस्ट डाॅ. राजेन्द्र डोभाल, एचएनबी गढ़वाल यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति पद्मश्री प्रो.एएन पुरोहित, प्रमुख वन संरक्षक जयराज आदि उपस्थित थे।