उत्तराखंड : ड्रग विभाग की नाक के नीचे लंबे समय से चल रही थी नकली दवा बनाने की फैक्टरी!

सिस्टम पर सवाल

  • फैक्टरी से करोड़ों की कीमत की दवाइयां और चार लाख से अधिक की नकदी बरामद
  • कई वर्षों से नामी कंपनियों के नाम से दवाई बनाकर नकली दवाई बेच रही थी यह कंपनी

रुड़की। लंबे समय से मिल रही शिकायतों पर पुलिस और ड्रग विभाग की टीम ने यहां अवैध रूप से चल रही नकली दवा बनाने की फैक्टरी पकड़ी है। फैक्टरी से करोड़ों की कीमती की दवाइयां और चार लाख से अधिक की नकदी बरामद की गई है। इससे ड्रग विभाग की कार्यशैली पर प्रश्न चिह्न लग गया है कि आखिर बरसों से यह फैक्टरी कैसे चलती रही। यह कंपनी पिछले लंबे समय से नामी कंपनियों के नाम से दवाई तैयार कर नकली दवाई बेच रही थी।
शनिवार देर रात तक चली कार्रवाई में पुलिस ने सरधना जिला मेरठ निवासी प्रवीण त्यागी और कपिल त्यागी को गिरफ्तार मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोप है कि ये दोनों रुड़की में रहकर दवाई तैयार कर रहे थे। पुलिस के मुताबिक पकड़ी गई फैक्टरी में ज़िफी और टोरेन्ट कंपनी के नाम से दवाईयां तैयार की जा रही थी। पुलिस के मुताबिक डेढ़ करोड़ की दवाई भी फैक्टरी से बरामद हुई है जो नामी कंपनी के नाम से बाजार में बेची जा रही थी। 
एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह ने बताया कि जिस फैक्टरी को पकड़ा गया है, उसमें विभिन्न प्रकार की एंटीबायोटिक, वायरल फीवर, थ्रोट इंफेक्शन, किडनी इंफेक्शन, ब्लड प्रेशर, सर्दी, जुखाम, बुखार और घाव को सुखाने वाली दवाइयां तैयार की जा रही थीं। 

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