आखिर साढ़े 16 घंटे तक रोहित को क्यों नहीं जगाया!

मौत बनी मिस्ट्री

  • रात में साढ़े 11 बजे आकर घर में बेड पर लगातार साढ़े 16 घंटे तक सोते रहे रोहित 
  • घर में मौजूद पत्नी और नौकर में से किसी ने अगले दिन शाम चार बजे तक नहीं जगाया
  • प्राकृतिक और साजिशन मौत को लेकर पुलिस की राय 50-50, कई सवाल बने पहेली
  • रोहित के कमरे में इतनी दवाइयों के रैपर थे कि जैसे मिनी मेडिकल स्टोर हो 

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, यूपी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे नारायण दत्त तिवारी के पुत्र रोहित शेखर की संदिग्ध हालात में मौत के मामले में पुलिस फिलहाल किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है, लेकिन जांच में पता चला है कि मौत से पहले रोहित घर में साढ़े 16 घंटे तक सोते रहे और इस बीच घर में मौजूद उनकी पत्नी या नौकर में से किसी ने उनको जगाया तक नहीं। पुलिस को इसी बात से मौत की वजह संदिग्ध लग रही है। एम्स में पांच डॉक्टरों की टीम ने रोहित के शव का पोस्टमॉर्टम किया, लेकिन डॉक्टर भी हैरान थे कि रोहित की नाक से खून क्यों आया।
पुलिस भी रोहित शेखर की नेचरल और साजिशन मौत पर 50-50 बंटी हुई है। रोहित के शव का एम्स में पोस्टमॉर्टम करवाकर बॉडी को उनकी मां के हवाले कर दिया गया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर काफी कुछ निर्भर है। कई सवाल पुलिस के लिए पहेली बने हुए हैं।
गौरतलब है कि रोहित वोट डालने हल्द्वानी गए थे। वहां से सोमवार रात करीब 11 बजे यहां डिफेंस कॉलोनी स्थित अपने घर लौटे। आते ही उन्होंने डिनर किया और आधे घंटे बाद करीब 11:30 बजे वह अपने कमरे में जाकर सो गए। सुबह के समय घर में मौजूद उनकी पत्नी और नौकर ने उनकी सुध नहीं ली। मंगलवार शाम करीब चार बजे उनके नौकर ने देखा कि वह अभी तक सोए हुए हैं और उनकी नाक से खून निकला हुआ था। इसकी जानकारी उनकी पत्नी, मां और मैक्स अस्पताल को दी। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने इस सवाल उठाया है कि रोहित सोमवार रात 11:30 बजे सो गए थे तो घर में किसी ने भी उनकी 16:30 घंटे तक कोई सुध क्यों नहीं ली। उनकी पत्नी भी पूरे समय घर पर ही थीं। घर में दूसरे लोग भी थे। पुलिस जांच में यह भी पता लगा है कि रोहित जब घर आए थे तब वह कुछ नशे में थे और नींद न आने पर कई बार वह नींद वाली गोलियां भी लेते थे। ऐसे में शक है कि कहीं उन्होंने नशे में नींद आने की गोलियां ली हों और उसका रिएक्शन हो गया हो। पुलिस और डॉक्टरों को यह समझ नहीं आ रहा कि उनकी नाक से खून क्यों निकला। शक है कि कहीं यह मसला जहर देने से तो नहीं जुड़ा है। पुलिस को रोहित के कमरे में ढेर सारी दवाइयां और खाली रैपर भी मिले। हाल में उनकी बाइपास सर्जरी हुई थी। कमरे में इतनी अधिक दवाइयां मिली हैं कि लग रहा था कि बेडरूम न होकर कोई छोटा-सा मेडिकल स्टोर हो।
पुलिस ने पांच डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमॉर्टम कराया और इसकी वीडियॉग्राफी भी कराई। पुलिस ने कहा कि उनके परिवार की ओर से हत्या जैसी भी कोई बात नहीं कही गई है। रोहित को सबसे पहले घर के कमरे में देखने वाला उनका पुराना नौकर भोगिन्दर मंडल था। मंडल ने बताया कि मंगलवार शाम चार बजे जब वह कमरे का दरवाजा खोलकर अंदर पहुंचा तो उनकी नाक से खून निकला हुआ था। खून जम चुका था। तुरंत इसकी सूचना वहीं कोठी के एक अंकल और साहब की पत्नी को दी और फिर मैक्स अस्पताल और माता जी को भी फोन करके उनके बारे में बताया। भोगिन्दर अक्सर रोहित की मालिश भी किया करता था। रोहित की मां उज्ज्वला ने दावा किया कि रोहित अपने पिता की विरासत को आगे ले जाना चाहते थे। लेकिन कुछ लोगों की साजिश के चलते इसका मौका नहीं मिला तो वह डिप्रेशन का शिकार हो गए थे।

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