यूएस वीजा : कोर्ट से दो लाख भारतीय छात्रों को मिली फौरी राहत

खुशखबरी

  • एक अमेरिकी अदालत ने भारतीयों को वीजा पॉलिसी में फौरी राहत देने का दिया आदेश  
  • आदेश के तहत अंतरराष्ट्रीय छात्रों (पति/पत्नी और बच्चे भी) के वहां रहने को ‘गैरकानूनी उपस्थिति’ पर दी राहत
  • अमेरिका के 65 कॉलेजों ने इस बारे में याचिका दायर कर US की वीजा नीति को बताया था ‘गैर कानूनी’

नई दिल्ली। एक अमेरिकी अदालत ने भारतीयों को वीजा पॉलिसी में फौरी राहत देने का आदेश दिया है। यह आदेश यूनाइटेड स्टेट्स सिटीज़नशिप और इमिग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआईएस) को वह प्रतिकूल नीति लागू करने से रोकता है जिसके तहत अंतरराष्ट्रीय छात्रों (उनके आश्रित जैसे पति/पत्नी और बच्चे भी) के वहां रहने पर ‘गैरकानूनी उपस्थिति’ करार दिया जाता है। अमेरिकी कोर्ट द्वारा उठाया गया यह कदम इसलिए भी खास है क्योंकि ‘गैरकानूनी उपस्थिति’ जैसा कानून एक निश्चित अवधि के लिए अमेरिका में एंट्री करने से रोक सकता है। अमेरिका में पढ़ाई कर रहे दो लाख भारतीय छात्रों के लिए यह एक अच्छी खबर है। अमेरिका से जाने से पहले जो भी व्यक्ति वहां 180 दिन से ज्यादा समय तक गैरकानूनी तरीके से रहा हो तो उसे अगले तीन साल तक दोबारा अमेरिका में जाने से रोका जा सकता है। इसके अलावा अमेरिका में एक साल से ज्यादा समय तक गैरकानूनी तौर पर रहे व्यक्ति को 10 साल तक के लिए वहां आने से रोका जा सकता है। 
इस केस के फाइल होने के तुरंत बाद ही मेयर ब्राउन में पार्टनर और केस के सह-परामर्शदाता पॉल ह्यू ने बताया था कि इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय छात्रों के अधिकारों को सुरक्षित करना है। उन्होंने कहा था, ‘नई यूएस पॉलिसी ने दो दशक से भी ज्यादा से चली आ रही इमिग्रेशन की प्रक्रिया को खराब किया है, जो गैरकानूनी है।’ यह मामला यूएससीआईएस की उस नीति (जिसे फिलहाल कोर्ट ने लागू होने से रोक दिया है) से जुड़ा है, जो 9 अगस्त 2018 को लागू हुई। इसके तहत वीजा अवधि या डिग्री पूरा होते ही विदेशी छात्र अगर अमेरिका में रहते हैं तो उसे ‘गैरकानूनी उपस्थिति’ करार दिया जाएगा। इससे पहले के नियमों के मुताबिक, वीजा अवधि खत्म होने पर भी छात्र छह महीने तक अमेरिका में रह सकते थे। मौजूदा नियमों के तहत वीजा अवधि समाप्त होने पर भी छात्र छह महीने तक अमेरिका में रह सकते हैं। 

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