अयोध्या : मोदी के साथ मंच पर होंगे सिर्फ ये छह!

राम मंदिर भूमि पूजन का शंखनाद

  • कहा- इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में देश के हर हिस्से से अयोध्या में होगा प्रतिनिधित्व
  • श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने आज सोमवार को अयोध्या में की प्रेस कॉफ्रेंस
  • बताया- मंगलवार रात तक आएंगे मोहन भागवत, सुरेश भैयाजी जोशी और दूसरे पदाधिकारी
  • चंपत राय ने कहा, कुछ लोगों को सपने में आते हैं पीएम तो वे डर जाते हैं
  • एक करोड़ रुपये आज ट्रस्ट के अकाउंट में आए, स्लिप में शिवसेना लिखा है: चंपत
  • मंदिर के नए मॉडल का योगी सरकार ने जारी किया डाक टिकट, पीएम करेंगे लोकार्पण

अयोध्या। राम मंदिर भूमि पूजन के लिए आज सोमवार को गौरी-गणेश पूजा से तीन दिन का अनुष्ठान शुरू हो गया है। राम मंदिर निर्माण को लेकर अयोध्या में रामजन्म जैसा उल्लास है। इसी बीच श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव और वीएचपी के उपाध्यक्ष चंपत राय ने बताया कि मंच पर महंत नृत्य गोपाल दास महाराज, यूपी की गवर्नर आनंदी बेन पटेल, सीएम आदित्यनाथ योगी, संघ प्रमुख मोहन भागवत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही रहेंगे। उन्होंने बताया कि कई संत अयोध्या पहुंच गए हैं। परमानंद महाराज आ गए हैं। वीएचपी के प्रबंध समिति के सदस्य दिनेश चंद्र आ गए हैं। हरिद्वार से भी अखाड़ों के कई महंत आ गए हैं। मंगलवार शाम तक सभी लोग आ जाएंगे। संघ प्रमुख मोहन भागवत, सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी और दूसरे पदाधिकारी भी मंगलवार रात तक आ जाएंगे।
श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोमवार को प्रेस कॉफ्रेंस में कहा कि इस आयोजन में हमने देश की 36 आध्यात्मिक परंपराओं के 135 संतों को निमंत्रण भेजा है। नेपाल के संत भी आयोजन में शामिल होंगे। जनकपुर का बिहार, यूपी, अयोध्या से रिश्ता है। जानकी मंदिर के महंत आएंगे। हमने संतों को बुलाया है। कुछ लोग संतों को ही दलित कहते हैं। जिन्हें कुछ लोग दलित कहते हैं वह साधु हो गए हैं, ऐसे भी अनेक लोग भूमि पूजन में आ रहे हैं। भारत की भूगोल का हर हिस्से से प्रतिनिधित्व यहां होगा। संत महात्मा मिलाकर करीब 175 लोग होंगे।
चंपत राय ने बताया कि हमने निमंत्रण पत्र छपवा दिया है। इसमें सिक्योरिटी कोड है। यह केवल एक बार ही काम करेगा। इसे लेकर कोई अंदर आया और फिर किसी काम से बाहर आया तो दोबारा यह सिक्योरिटी कोड काम नहीं करेगा। परिसर में मोबाइल, कैमरा या किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की इजाजत नहीं होगी। हर एक कार्ड पर नंबर है उसी नंबर की लिस्ट पुलिस को गेट पर दी जाएगी। नंबर और नाम क्रॉस चेक होगा तभी एंट्री मिलेगी। उन्होंने कहा कि निमंत्रण कार्ड अयोध्या में बांटने शुरू कर दिए। पहले उन लोगों को दे रहे हैं जिनका निवास अयोध्या में ही है। जैसे-जैसे लोग बाहर से आएंगे उन्हें उनका कार्ड सौंपा जाएगा।
चंपत राय ने कहा कि कुछ लोगों को पीएम सपने में आते हैं तो वे डर जाते हैं। हरे रंग के कपड़े पहनेंगे भगवान इस पर भी विवाद किया जा रहा है। इसका पीएम, सीएम या ट्रस्ट से कोई संबंध नहीं है। पुजारी तय करते हैं कि किस दिन किस रंग के कपड़े हों। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। कहा कि हरा रंग समृद्धि का प्रतीक है, हरियाली का खुशहाली का प्रतीक है। रंग के ऊपर चर्चा करना बुद्धि की विकलांगता का प्रतीक है। जिनके पार्कों में हरियाली नहीं होती वह मकान की छतों पर गमला रखकर हरियाली की कोशिश करते हैं। यह हिंदुस्तानी की समृद्धि का प्रतीक है।
राय ने कहा कि 18 अप्रैल से गर्भ गृह पर वास्तुपूजा और भगवान विष्णु के नाम से 1000 बार आहुति, राम के नाम पर 1000 बार आहुति, हनुमान के नाम से भी 1000 बार आहुति दी गई। एक बार राम अर्चना भी हुई है इसमें 6-7 घंटे लगते हैं। गुप्त नवरात्रि पर दुर्गा की पूजा हुई। 700 मंत्रों की पूजा भी हुई। सोमवार को गणेश पूजन हुआ। 9 शिलाओं की पूजा भी की गई।, यह छोटे हैं जो हाथ में पकड़े जा सके। छोटी और बड़ी देव काली का पूजन भी किया गया। मंगलवार को फिर से रामार्चा यानी राम अर्चना होगी।
उन्होंने बताया कि हनुमान गढ़ी के निशान की भी पूजा होगी। हम चाहते थे कि निशान वहां से विभिन्न मंदिरों से होते हुए सरयू तक जाएं, लेकिन अब वहीं पूजन करेंगे, नहीं तो भीड़ हो जाएगी। 5 अगस्त को जहां पर गर्भ गृह तैयार होना है उसका चिन्ह अंकित हो गया है वहां पर पूजा होगी। एक शिलापट का अनावरण भी 5 तारीख को होगा। उसमें लगभग वही भाषा है जो निमंत्रण पत्र पर है। यूपी सरकार ने मंदिर के नए मॉडल का डाक टिकट भी जारी किया है। उसका लोकार्पण भी पीएम करेंगे। बताया कि पीएम राम लला के दर्शन भी करेंगे और एक छोटे से वृक्ष का रोपण भी करेंगे।
राय ने कहा कि 5 अगस्त के कार्यक्रम के यजमान सलिल सिंघल हैं। ये अशोक सिंघल के बड़े भाई के सबसे बड़े बेटे हैं। 1 करोड़ रुपये आज अकाउंट में आए। महाराष्ट्र से आया है। जो स्लिप हमारे पास आई है उसमें शिवसेना लिखा है। विकास प्राधिकरण में 70 एकड़ की जमीन का पूरा नक्शा पास कराया जाएगा। उसकी फीस हम चेक के द्वारा अदा करेंगे। हमें छूट नहीं चाहिए, ये देश के भविष्य का भी काम है और भगवान का भी काम है। प्राधिकरण की फीस डेढ़ से दो करोड़ रुपये के बीच आएगी और वह दी जाएगी। ताकि आने वाली संतानों को कोई कष्ट ना हो।
उन्होंने कहा कि 1996 में हमने सपने में भी नहीं सोचा था कि भगवान को 70 एकड़ जमीन मिलेगी। मौलिक मॉडल वैसा ही रहेगा। पत्थर तराश कर कार्यशाला में रखे हैं वह पहले इस्तेमाल होंगे। जब यह बन जाएगा तब लंबाई में एक गुंबद और ऊंचाई में एक फ्लोर की वृद्धि की जाएगी।
राय ने कहा कि हमने अयोध्या में रहने वाले उन परिवार के सदस्यों को बुलाया है जिनके परिवार के बच्चे गोली से मारे गए। सिख, बौद्ध, आर्यसमाजी, जैन, शैव, वैष्णव सब परंपरा के लोग भूमि पूजन में आ रहे हैं। हमने इकबाल अंसारी को भी बुलाया है। जिन्हें नहीं बुलाया जा सका उन्हें व्यक्तिगत फोन कर माफी मांगी है। आयु का भी ध्यान रखा है। 90 साल के व्यक्ति कैसे आ पाएंगे। कहा कि जो साधु सन्यासी चातुर्मास में नहीं आ सकते, उनके नाम भी हमने हटाए हैं। लेकिन सबसे आदरपूर्वक फोन पर बात की है। आ पाएंगे या नहीं। लोगों ने कारण बताएं हैं- आयु, आने का माध्यम, चतुर्मास। 1989 में समाज ने जो शिलाओं का पूजन करके भेजा था उनमें से 9 शिलाएं ही भूमि पूजन में रखी जाएंगी।
विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय ने कहा कि कई संत अयोध्या पहुंच गए हैं। परमानंद महाराज भी आ गए हैं। विहिप के प्रबंध समिति के सदस्य दिनेश चंद्र आ गए हैं। हरिद्वार से भी अखाड़ों के कई महंत आ गए हैं। कल शाम तक सही लोग आ जाएंगे। संघ प्रमुख मोहन भागवत, सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी और दूसरे पदाधिकारी भी कल मंगलवार रात तक आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस आयोजन में हमने देश की 36 आध्यात्मिक परंपराओं के 135 संतों को निमंत्रण भेजा है। नेपाल के संत भी आयोजन में शामिल होंगे। जनकपुर का बिहार, यूपी, अयोध्या से रिश्ता है। जानकी मंदिर के महंत आएंगे। हमने संतों को बुलाया है कुछ लोग संतों को ही दलित कहते हैं। जिन्हें कुछ लोग दलित कहते हैं, वे साधु हो गए है, ऐसे भी अनेक लोग भूमि पूजन में आ रहे हैं। भारत की भूगोल का हर हिस्से से प्रतिनिधित्व यहां होगा। संत महात्मा मिलाकर करीब 175 लोग होंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या के साथ-साथ देश और दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगा, जब प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या में लगभग 500 सालों की इस परीक्षा के परिणाम के साथ भगवान श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण की आधारशिला रखेंगे। सीएम ने कहा कि कार्यक्रम के महत्व को समझते हुए, यहां अयोध्या में कार्यों का अवलोकन करने के लिए मैं स्वयं आया हूं। सीएम ने कहा कि बाहर व्यवस्था आदि देखने, निरीक्षण करने के लिए हम यहां आए हैं, कहीं भी कोई कोताही न बरती जाए, हम लोगों ने इसके लिए पूरी तत्परता के साथ तैयारी की है। कोविड-19 के प्रोटोकॉल को मजबूती से लागू करने पर प्रशासन का मुख्य फोकस है। यहां केवल वे ही आमंत्रित हैं जिन्हें आना चाहिए। सभी भक्त आना चाहते हैं लेकिन पीएम इन सभी का प्रतिनिधित्व करेंगे।
भूमिपूजन से पहले की रस्में आज सोमवार को ‘गौरी गणेश’ पूजा के साथ शुरू हुईं। सबसे पहले हिंदू धर्म में सभी प्रमुख अवसरों के लिए अनिवार्य माने जाने वाले गणेश पूजा हुई। तीन दिवसीय अनुष्ठानों का समापन बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए जाने वाले ‘भूमिपूजन’ के साथ होगा। पूजा सुबह 8 बजे शुरू हुई, जिसमें 11 पुजारियों ने मंत्रों का जाप किया जबकि विभिन्न अन्य मंदिरों में ‘रामायण पाठ’ आयोजित किए गए।
गौरी-गणेश पूजा के बाद माता सीता की कुलदेवी छोटी देवकाली और भगवान राम की कुलदेवी बड़ी देवकाली की आराधना की गई। अयोध्या में स्थित दोनों धर्म स्थलों पर ट्रस्ट के सदस्य राजा विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र ने यजमान की भूमिका में पूजन शुरू कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। पूजन के साथ राम जन्मभूमि परिसर में भी विभिन्न धार्मिक आयोजनों की शुरुआत हो गई है।
प्रयागराज में आशा नाम की एक फर्म भूमि पूजन से पहले अयोध्या में निशुल्क लाउडस्पीकर लगाएगी। कंपनी के डायरेक्टर प्रवीण मालवीय कहते हैं, ‘करीब 3000 लाउडस्पीकर अयोध्या और फैजाबाद में लगाए जाएंगे। हम इसके लिए एक भी रुपये शुल्क नहीं लेंगे।’
पूजन कार्यक्रम के लिए रामलला की पोशाक तैयार हो गई हैं। भगवान सोमवार को सफेद, मंगलवार को लाल और बुधवार को हरी पोशाक पहनेंगे। भूमि पूजन पर भगवान राम हरी रंग की पोशाक पहनेंगे। भगवान राम, उनके भाई-लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न 5 अगस्त को राम मंदिर के ‘भूमिपूजन’ के अवसर पर रत्नजड़ित पोशाक पहनेंगे।
राम मंदिर निर्माण में देश के हर कोने की मिट्टी और हर कोने का जल इस्तेमाल होगा। अब तक देश की 100 पवित्र नदियों के करीब 1500 स्थानों से जल अयोध्या पहुंच चुका है। इसमें गंगा, यमुना, नर्मदा, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, सिंधु, ब्रह्मपुत्र, झेलम, सतलुज, रावी, चिनाब, व्यास सहित कई नदियां हैं साथ ही कई पवित्र कुंडों का जल भी अयोध्या लाया गया है। इसके अलावा करीब 2000 पवित्र स्थानों की मिट्टी अयोध्या पहुंची है।
अयोध्या के प्रत्येक परिवार तक राममंदिर भूमिपूजन कार्यक्रम के प्रसाद को पहुंचाने की तैयारी हो रही है। इसकी व्यवस्था की जिम्मेदारी बीजेपी सांसद लल्लू सिंह ने ली है। इसके लिए साढ़े तीन लाख लड्डू के पैकेट के शहर के विभिन्न स्थानों पर तैयार किए जा रहे हैं।
रामजन्मभूमि परिसर में झांकी तैयार की जाएगी। इनमें भगवान राम के बचपन से लेकर राज्यभिषेक तक की यात्रा से जुड़ी मूर्तियां होंगी। ये मूर्तियां राम मंदिर के प्रांगण में लगाई जाएंगी। इन्हें अयोध्या में असम के कलाकार रंजीत मंडल बना रहे हैं। विश्व हिंदू परिषद के स्वर्गीय नेता अशोक सिंघल रंजीत मंडल को यहां लेकर आए तब से रंजीत अपने परिवार के साथ यहीं बस गए।
ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष आचार्य गोविंददेव गिरी ने कहा कि ये कार्य आरंभ का मुहूर्त है। प्रतीकात्मक शिलान्यास भी होगा। कर्मकांड की दृष्टि से जो शिलान्यास होता है वह ये नहीं है यह प्रतीकात्मक है। अभी उसका नक्शा पास होना है। उसके बाद जब वहां पर गड्डा किया जाएगा, बीम डलेंगे तब इन शिलाओं की स्थापना की जाएगी। कुल 9 शिलाओं की स्थापना होगी। इन शिलाओं का पूजन मोदी करेंगे।

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