पंजाब : 53 साल बाद घर में हारे ‘बादल’ और किसानों के गुस्से में उड़ी भाजपा!

बदलाव की बयार

  • पंजाब निकाय चुनाव के नतीजों में कांग्रेस ने सभी दलों को पीछे छोड़ा
  • अकाली दल को दिया बड़ा झटका, 53 साल बाद बठिंडा में मिली हार
  • भाजपा को भी गढ़ में शिकस्त, गुरदासपुर में नहीं खुल सका खाता
  • इस चुनाव में कोई बड़ा कमाल नहीं कर सकी है आम आदमी पार्टी

चंडीगढ़। हरियाणा के बाद अब पंजाब में हुए निकाय चुनाव के नतीजों ने भाजपा की नींद उड़ा दी है। दूसरी ओर कांग्रेस ने इन चुनावों में रिकॉर्डतोड़ जीत हासिल की है। आठ नगर निगम और 109 नगर पालिका-नगर परिषदों (117 स्थानीय निकाय) के लिए 14 फरवरी को वोटिंग हुई थी। नतीजों और रुझानों में कांग्रेस ने बंपर बढ़त बनाई है। मुख्य विपक्षी पार्टी शिरोमणि अकाली दल को इन नतीजों से सबसे बड़ा झटका लगा है।
कांग्रेस के लिए चुनाव से पहले शुभ संकेत : पंजाब निकाय चुनाव के नतीजे कांग्रेस के लिए निश्चित रूप से सुखद हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुआई में पार्टी ने 4 साल पहले सरकार बनाई थी। ऐसे में जब चुनाव में सिर्फ एक साल बचा है उससे पहले पार्टी की भारी जीत उत्साह बढ़ाने वाली है। रुझानों और नतीजों में कांग्रेस आठों नगर निगम अपने कब्जे में करती दिख रही है। बठिंडा, कपूरथला, होशियारपुर, पठानकोट, बटाला, मोगा और अबोहर नगर निगमों में कांग्रेस को भारी जीत हासिल हुई है। बठिंडा नगर निगम पर पांच दशक में पहली बार कांग्रेस ने कब्जा जमाया है। शिरोमणि अकाली दल को यहां करारी शिकस्त मिली है। 53 साल में पहली बार यहां कांग्रेस का मेयर बनेगा।
नगर परिषद और नगर पालिका के वॉर्डों में भी कांग्रेस सबसे आगे है। इसके उलट 2015 में कांग्रेस 2044 में से सिर्फ 253 वॉर्डों में जीती थी। वहीं निर्दलीय ने 624 वॉर्डों में कब्जा जमाया था। जबकि शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी का गठबंधन 1161 सीटों (अकाली दल-813, बीजेपी-348) पर जीता था। यानी कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही थी, जबकि इस बार उसने लंबी छलांग लगाई है।
अकाली दल को कांग्रेस ने दी सबसे बड़ी चोट : पंजाब में विधानसभा चुनाव से एक साल पहले निकाय चुनाव के नतीजे शिरोमणि अकाली दल के लिए करारा झटका हैं। पार्टी अपने सबसे बड़े गढ़ बठिंडा में बुरी तरह हार गई है। यह इलाका बादल परिवार का असर रहा है। प्रकाश सिंह बादल का पैतृक गांव बादल गांव बठिंडा में ही आता है। लेकिन पार्टी को यहां कांग्रेस ने बुरी तरह मात दी है। कांग्रेस नेता मनप्रीत सिंह बादल ने ट्वीट करते हुए कहा कि 53 साल में पहली बार यहां कांग्रेस का मेयर बनेगा।
वहीं पिछले बार के नतीजों की बात करें तो अकाली दल अव्वल था। पार्टी ने 2044 में से सबसे ज्यादा 813 वॉर्डों में जीत दर्ज की थी। इस बार ज्यादातर नगर निगम और नगर परिषदों में उसे बड़ी हार झेलनी पड़ रही है। 2015 में अकेले शिरोमणि अकाली दल ने 34 नगर परिषदों और नगर पंचायतों में अपना अध्यक्ष बनवाया था। उस वक्त अकाली दल का भाजपा के साथ गठबंधन भी था और तब दोनों दलों ने मिलकर 27 नगर परिषदों और नगर पंचायतों में संयुक्त रूप से अध्यक्ष बनाए थे। वहीं अकेले भाजपा को आठ नगर परिषदों में और कांग्रेस को पांच में अपना अध्यक्ष बनाने में सफलता मिली थी।
किसान आंदोलन के बीच भाजपा के लिए दूसरा झटका :  पंजाब में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। मोदी सरकार के लाए कृषि कानूनों के खिलाफ तीन महीने से दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन चल रहा है। इससे पहले हरियाणा में हुए स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा को करारा झटका लगा था। अब पंजाब में भी उसे मुंह की खानी पड़ी है। शिरोमणि अकाली दल से उसका गठबंधन पहले ही टूट चुका था। वहीं 2015 में भाजपा ने 348 वॉर्डों में जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार पार्टी उसके आसपास भी नजर नहीं आ रही है।
दिलचस्प बात यह है कि गुरदासपुर से भाजपा के सनी देओल सांसद हैं, इसके बावजूद शहर के सभी 29 वॉर्ड कांग्रेस के खाते में गए हैं। कांग्रेस ने भाजपा पर तीखा तंज करते हुए ट्वीट में लिखा, ‘पंजाब में भाजपा साफ। जल्द देश भी पंजाब की राह पर चल कर ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत भाजपा का सूपड़ा साफ कर देश को ‘नफरत और झूठ’ की राजनीति से मुक्त करेगा। क्योंकि अब किसान की आवाज़ ही देश की आवाज़ है!’
आम आदमी पार्टी भी नहीं कर सकी कमाल : वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी काफी जोर-शोर से चुनाव में उतरी थी। हालांकि नतीजों में उसे बहुत कामयाबी नहीं मिल सकी थी। इस बार के निकाय चुनाव में भी पार्टी तीसरे नंबर पर ही दिख रही है। हालांकि आम आदमी पार्टी ने पहली बार यहां निकाय चुनाव लड़ा है। ऐसे में दिल्ली के बाहर विस्तार को देखते हुए पार्टी के लिए बुरी खबर भी नहीं है। मोगा नगर निगम की 4 सीटों पर आप के प्रत्याशी जीते हैं। वहीं होशियारपुर नगर निगम में पार्टी दो सीटों पर जीती है। खन्ना में भी आम आदमी पार्टी को दो सीटों पर जीत मिली है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here