80 करोड़ लोगों को नवंबर तक मुुफ्त मिलेगा अनाज

मोदी का ऐलान

  • कोरोना महामारी फैलने के बाद पीएम ने छठी बार राष्‍ट्र को किया संबोधित
  • कहा, इस योजना पर खर्च होंगी 90 हजार करोड़ रुपये की बड़ी धनराशि

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सोमवार को राष्‍ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि आगामी महीनों में त्योहारों और लोगों के बढ़ते खर्चे समेत सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार अब दीवाली और छठ पूजा तक, यानी नवंबर महीने के आखिर तक कर दिया जाए। इस योजना के इस विस्तार में 90 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होंगे। ऐसे में सरकार ने फैसला किया है कि 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त अनाज देने वाली योजना जुलाई, अगस्त, सितंबर, अक्टूबर, नवंबर में भी लागू रहेगी। सरकार द्वारा इन पांच महीनों के लिए 80 करोड़ से ज्यादा भाइयों-बहनों को 5 किलो गेहूं या 5 किलो चावल मुफ्त दिया जाएगा। साथ ही प्रत्येक परिवार को एक किलो चना भी मुफ्त दिया जाएगा। आइए जानते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन की बड़ी बातें…
नियमों और सावधानियों का पालन न करने वालों को समझाना जरूरी : प्रधानमंत्री ने कहा कि अनलॉक 1 होने के बाद से लापरवाही जरा बढ़ती जा रही है। कोरोना से बचने के लिए अब हमें ज्‍यादा सतर्क रहने की बात है। मोदी ने कहा कि ‘लॉकडाउन के दौरान बहुत गंभीरता से नियमों का पालन किया गया था। अब सरकारों को, स्थानीय निकाय की संस्थाओं को, नागरिकों को, फिर से उसी तरह की सतर्कता दिखाने की जरूरत है।’ पीएम ने कंटेनमेंट जोन में बहुत ज्‍यादा ध्‍यान देने की अपील करते हुए कहा कि जो लोग नियमों और सावधानियों का पालन नहीं कर रहे हैं, उन्‍हें टोकना और समझाना होगा।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का व‍िस्‍तार : मोदी ने कहा, “हमारे यहां वर्षा ऋतु के दौरान और उसके बाद मुख्य तौर पर एग्रीकल्चर सेक्टर में ही ज्यादा काम होता है। अन्य दूसरे सेक्टरों में थोड़ी सुस्ती रहती है। जुलाई से धीरे-धीरे त्योहारों का भी माहौल बनने लगता है। त्योहारों का ये समय, जरूरतें भी बढ़ाता है, खर्चे भी बढ़ाता है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार अब दीवाली और छठ पूजा तक, यानि नवंबर महीने के आखिर तक कर दिया जाए।” प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के इस विस्तार में 90 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होंगे। अगर इसमें पिछले तीन महीने का खर्च भी जोड़ दें तो ये करीब-करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपए हो जाता है।
वन नेशन वन राशन कार्ड का हो रहा इंतजाम : मोदी ने कहा, “अब पूरे भारत के लिए एक राशन-कार्ड की व्यवस्था भी हो रही है यानि एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड। इसका सबसे बड़ा लाभ उन गरीब साथियों को मिलेगा, जो रोज़गार या दूसरी आवश्यकताओं के लिए अपना गांव छोड़कर के कहीं और जाते हैं।”
इन लोगों का अदा किया शुक्रिया: प्रधानमंत्री ने कहा, “आज गरीब को, ज़रूरतमंद को, सरकार अगर मुफ्त अनाज दे पा रही है तो इसका श्रेय दो वर्गों को जाता है। पहला- हमारे देश के मेहनती किसान, हमारे अन्नदाता। और दूसरा- हमारे देश के ईमानदार टैक्सपेयर। आपने ईमानदारी से टैक्स भरा है, अपना दायित्व निभाया है, इसलिए आज देश का गरीब, इतने बड़े संकट से मुकाबला कर पा रहा है।मैं आज हर गरीब के साथ ही, देश के हर किसान, हर टैक्सपेयर का ह्रदय से बहुत बहुत अभिनंदन करता हूं, उन्हें नमन करता हूं।”
‘अनलॉक 1 में बढ़ी लापरवाही’: मोदी ने कहा, “ये बात सही है कि अगर कोरोना से होने वाली मृत्यु दर को देखें तो दुनिया के अनेक देशों की तुलना में भारत संभली हुई स्थिति में है। समय पर किए गए लॉकडाउन और अन्य फैसलों ने भारत में लाखों लोगों का जीवन बचाया। जब से देश में अनलॉक 1 हुआ है, व्यक्तिगत और सामाजिक व्यवहार में लापरवाही भी बढती ही चली जा रही है। पहले हम मास्क को लेकर, दो गज की दूरी को लेकर, 20 सेकेंड तक दिन में कई बार हाथ धोने को लेकर बहुत सतर्क थे।”
‘अमेरिका की आबादी से ढाई गुना ज्‍यादा लोगों को मदद’: उन्होंने कहा, “बीते तीन महीनों में 20 करोड़ गरीब परिवारों के जनधन खातों में सीधे 31 हजार करोड़ रुपए जमा करवाए गए हैं। इस दौरान 9 करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में 18 हजार करोड़ रुपए जमा हुए हैं। भारत में, 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को 3 महीने का राशन, यानि परिवार के हर सदस्य को 5 किलो गेहूं या चावल मुफ्त दिया गया। एक तरह से देखें तो, अमेरिका की कुल जनसंख्या से ढाई गुना अधिक लोगों को, ब्रिटेन की जनसंख्या से 12 गुना अधिक लोगों को और यूरोपियन यूनियन की आबादी से लगभग दोगुने से ज्यादा लोगों को हमारी सरकार ने मुफ्त अनाज दिया है।”

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