मोदी के केदारनाथ दौरे पर बोली कांग्रेस, केवल चुनावी एजेंडे पर केंद्रित रहा पीएम का प्रवचन

देहरादून। आज शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ दौरे को लेकर कांग्रेस की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री के दौरे ने निराश किया है। कांग्रेस ने कहा कि न देवस्थानम बोर्ड पर, न कुमाऊं की आपदा के पैकेज पर, न बेरोजगारों पर और न ग्रीन बोनस पर प्रधानमंत्री ने कोई घोषणा की। पीएम का प्रवचन केवल अपने चुनावी एजेंडे पर केंद्रित रहा।
कांग्रेस नेताओं ने मोदी के केदारनाथ धाम दौरे को उत्तराखंड की जनता के लिए घोर निराशाजनक बताया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि चारों धामों के तीर्थ-पुरोहितों, बेरोजगारों और किसानों को प्रधानमंत्री के केदारनाथ दौरे से जो उम्मीदें थीं वो धराशायी हो गईं हैं। मोदी ने 50 मिनट लंबा प्रवचन दिया, लेकिन उत्तराखंड के चारों धामों में लंबे समय से देवस्थानम बोर्ड को खत्म करने के लिए चल रहे तीर्थ-पुरोहितों व हक हकूक धारियों आंदोलन पर पीएम एक शब्द नहीं बोले। पीएम ने उत्तराखंड को कोई राहत न देकर मायूस किया है। हम उनके इस दौरे को एक आत्ममुग्ध शासक द्वारा हमारे आराध्य स्थल का अपने राजनीतिक हित में किए गए प्रयोग से ज्यादा कुछ नहीं मानते।
नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री का केदारनाथ दौरा विशुद्ध रूप से राजनीतिक दौरा था। प्रदेश में गत माह इतनी बड़ी आपदा आई। गृह मंत्री अमित शाह दो बार आकर चले गए, प्रधानमंत्री भी आकर चले गए, लेकिन राज्य को इस आपदा से उबरने के लिए कोई पैकेज नहीं दे गए। यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। केदारनाथ में वर्ष 2013 में जो आपदा आई थी, तब यूपीए की मनमोहन सरकार ने तत्काल आठ हजार करोड़ रुपये का पैकेज दिया था। प्रधानमंत्री कहते हैं कि मैं तो ड्रोन से निगरानी कर रहा था, लेकिन इससे बात नहीं बनती है। बात बनती है धन उपलब्ध कराने से। इसलिए केंद्र और राज्य की दोनों सरकारें पूरी तरह से विफल साबित हुई हैं। प्रधानमंत्री सैनिकों के नाम पर भी राजनीति कर रहे हैं। उत्तराखंड के लोग अब भाजपा और प्रधानमंत्री के चाल-चरित्र और चेहरे को पहचान गए हैं।
उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने जो वादे उत्तराखंड के लोगों से किए थे, उनमें से एक भी वादा सत्ता में बैठे हुए लोगों ने पूरा नहीं किया। किसानों से ऋण माफी का वादा, रोजगार का वादा, महंगाई को कम करने का वादा सबकी स्थिति लोगों के सामने है। कोरोना की महामारी में लड़ने में केंद्र और राज्य की सरकार पूरी तरह से नाकाम रही। अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। विकास के कार्य ठप पड़े हैं। कोरोना टेस्टिंग में घोटाला सबके सामने है। सौ दिन में लोकायुक्त लाने वाली भाजपा आज तक लोकायुक्त नहीं ला पाई।

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