उत्तराखंड में दो से ज्यादा बच्चों वाले नहीं लड़ सकेंगे पंचायत चुनाव!

कहीं खुशी कहीं गम

  • प्रदेश में हरिद्वार को छोड़ अन्य 12 जिलों में सितंबर में हो सकते हैं पंचायत चुनाव
  • यह प्रावधान लागू करने के लिये सरकार इस पर गंभीरता से कर रही मंथन 

देहरादून। प्रदेश में हरिद्वार को छोड़ अन्य 12 जिलों में सितंबर में पंचायत चुनाव होने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन इस बार दो से अधिक बच्चों वाले लोग चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। सूत्रों के अनुसार नगर निकायों की भांति त्रिस्तरीय पंचायतों में यह प्रावधान लागू किया जा सकता है। सरकार इस पर गंभीरता से मंथन कर  रही है। 
सूत्रों के अनुसार इस संबंध में शासन स्तर पर सहमति बन चुकी है। हालांकि हरियाणा की भांति यहां भी पंचायत प्रतिनिधियों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता के निर्धारण को लेकर मंथन चल रहा है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद इन दोनों बिंदुओं पर मसौदा तैयार कर कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। 
गौरतलब है कि 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायतों (ग्राम, क्षेत्र व जिला) का कार्यकाल जुलाई में खत्म होने के चलते दावेदारों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं, लेकिन आगामी पंचायत चुनाव में ताल ठोकने की  हसरत पाले उन लोगों को मन मसोस कर रहना पड़ सकता है, जिनके दो से अधिक बच्चे हैं। गौरतलब है कि त्रिस्तरीय पंचायतों के लिए वर्ष 2016 में अस्तित्व में आए पंचायतीराज एक्ट की कुछ व्यवस्थाओं में सरकार ने संशोधन की तैयारी की है। इसमें नगर निकायों की भांति पंचायतों में भी चुनाव लड़ने के लिए दो बच्चों की शर्त के साथ ही प्रतिनिधियों की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता का निर्धारण शामिल है।
इसी क्रम में गत वर्ष पंचायतीराज मंत्री अरविंद पांडेय ने अधिकारियों को मसौदा तैयार करने के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही न्यूनतम शैक्षिक योग्यता तय करने के लिये हरियाणा व राजस्थान के पंचायतीराज एक्ट का अध्ययन करने को कहा गया था। इन दोनों बिंदुओं पर शासन स्तर पर गहनता से कसरत चल रही है और आगामी पंचायत चुनाव में इसका असर देखने को मिल सकता है।  

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here