’70 साल के सबसे बड़े संकट’ वाले बयान से पलटा नीति आयोग!

आर्थिक संकट या… 

  • नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बयान के बाद किये ट्वीट में दी सफाई 
  • लिखा, मैं मीडिया से आग्रह करता हूं मेरे बयान को गलत ढंग से दिखाना बंद करे 
  • अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कड़े कदम उठा रही है सरकार और ऐसा आगे भी होगा 
  • किसी भी तरह से घबराने और घबराहट माहौल पैदा करने की जरूरत नहीं है


नई दिल्ली। आज शुक्रवार को देश की अर्थव्यवस्था के सामने 70 साल के सबसे बड़े संकट की बात करने वाली नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने अब अपने बयान से पलटते हुए सफाई दी है। उन्होंने सफाई देते हुए ट्वीट किया, ‘मैं मीडिया से आग्रह करता हूं कि मेरे बयान को गलत ढंग से दिखाना बंद करे। अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सरकार कड़े कदम उठा रही है और ऐसा आगे भी करती रहेगी। किसी भी तरह से घबराने और घबराहट का माहौल पैदा करने की जरूरत नहीं है।’ 
बाद में एक और ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में अच्छी स्थिति लाने के लिए सरकार प्रयास कर रही है। लोगों को यह भरोसा करना चाहिए कि स्थिति को संभालने के लिए सरकार कोशिशें कर रही है। उल्लेखनीय है कि बीते गुरुवार को राजीव कुमार ने एक कार्यक्रम में कहा था, ‘देश में 70 साल में अब तक नकदी का ऐसा संकट नहीं देखा गया है। सरकार के लिए यह अप्रत्याशित समस्या है। कोई भी किसी पर यकीन नहीं कर रहा है। इसलिए कैश पर बैठ गए हैं और कोई भी मार्केट में पैसा नहीं निकाल रहा है।’
उन्होंने कहा था, ‘यह सिर्फ सरकार और प्राइवेट सेक्टर की बात नहीं है। निजी क्षेत्र में आज कोई भी किसी और को कर्ज नहीं देना चाहता।’ हालांकि राजीव कुमार ने मौजूदा समस्या के लिए यूपीए के कार्यकाल को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा था कि साल 2009 से 2014 के दौरान बिना सोच-विचार के कर्ज बांटा गया, जिससे साल 2014 के बाद एनपीए में बढ़ोतरी हुई। 
राजीव ने कहा कि एनपीए बढ़ने के कारण अब बैंकों के नया कर्ज देने की क्षमता घट गई है। बैंकों द्वारा कम कर्ज देने की भरपाई एनबीएफसी ने की है। एनबीएफसी के कर्ज में 25 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए हाल ही में पेश हुए बजट में भी कुछ कदमों की घोषणा की गई है। 

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