‘नि:शंक’ नहीं है निशंक की राह!

बहुत कठिन है डगर पनघट की

  • कांग्रेस के पूर्व विधायक अंबरीश और बसपा प्रत्याशी डॉ. अंतरिक्ष सैनी से है मुकाबला
  • गत लोकसभा चुनावों के मुकाबले इस बार कुछ बदली नजर आ रही चुनावी फिजा

देहरादून। हरिद्वार लोकसभा सीट से भाजपा के निवर्तमान सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक पार्टी की ओर से प्रत्याशी हैं, लेकिन गत लोकसभा चुनावों के मुकाबले इस बार चुनावी फिजा कुछ बदली नजर आ रही है। उनका का मुकाबला कांग्रेस के पूर्व विधायक अंबरीश कुमार और बसपा प्रत्याशी डॉ. अंतरिक्ष सैनी से है।
उल्लेखनीय है कि राज्य गठन के बाद इस सीट पर भाजपा व कांग्रेस सिर्फ एक-एक बार ही चुनाव जीत पाए हैं। राज्य गठन के बाद हुए पहले लोकसभा चुनाव में वर्ष 2004 में इस सीट से सपा प्रत्याशी राजेंद्र कुमार बाड़ी चुनाव जीते। वर्ष 2009 में हुए चुनाव में इस सीट का परिसीमन बदल गया। देहरादून शहर की तीन विधानसभा सीटें इस लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा बनी। कांग्रेस नेता हरीश रावत को भी हरिद्वार सीट पर ही जीत नसीब हुई और वह भाजपा के स्वामी यतिंद्रानंद को चुनाव हराकर संसद पहुंच गए। हालांकि वर्ष 2014 में इस सीट पर भाजपा से निशंक तत्कालीन सीएम हरीश रावत की पत्नी रेणुका को बड़े अंतर से चुनाव हराकर पहली बार सांसद बने।
हरिद्वार लोकसभा ऐसी सीट है, जहां वोटरों में पहाड़ से लेकर मैदानी मतदाताओं का मिश्रण है। धर्मपुर, डोईवाला, ऋषिकेश, हरिद्वार ग्रामीण सीट क्षेत्र में बड़ी संख्या पर्वतीय मतदाताओं की है। तो कुछ सीटों पर पहाड़, मैदान का मिश्रण है। हालांकि ज्यादातर विधानसभा क्षेत्रों में बड़ी संख्या में मैदानी मतदाता है। इसलिये यहां चुनाव के दौरान पहाड़ी—मैदानी मुद्दा गरमा जाता है और इसके चलते कई बार चुनाव परिणाम भी अप्रत्याशित हो जाते हैं।
दूसरी ओर टिहरी बांध के अधिकतर विस्थापित लोग भी इसी सीट का हिस्सा हैं। धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में देहराखास, कारगी, बंजारावाला, नई टिहरी कॉलोनी चाणक्यपुरी, भानियावाला, पशुलोक, श्यामपुर, रायवाला और पथरी के साथ शिवालिकनगर क्षेत्र में बांध विस्थापित बसे हुए हैं। करीब 50 हजार से ज्यादा बांध विस्थापित वोटर यहां निवास करते हैं। अंबरीश कुमार ने स्थानीय मुद्दे को हवा देनी शुरू कर दी है और बसपा प्रत्याशी डॉ. अंतरिक्ष सैनी दलितों और पिछड़ों में पैठ बनाने में जुटे हैं। ऐसे में सियासी जानकारों की नजर इस बात पर टिकी है कि अनुभवी नेता निशंक अपनी चुनावी राह कैसे नि:शंक ​बना पाएंगे?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here