- न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च शहर की दो मस्जिदों में चार हत्यारों ने की अंधाधुंध फायरिंग
- निर्दोष लोगों की जान लेने वाले चार दरिंदों में से मुख्य हमलावर ने फेसबुक पर की हमले की लाइवस्ट्रीमिंग
न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च शहर की दो मस्जिदों में चार हत्यारों ने अंधाधुंध फायरिंग कर 49 लोगों की जान ले ली। मुख्य हमलावर ने हमले की फेसबुक पर लाइवस्ट्रीमिंग की थी। वीडियो की शुरुआत में वह ‘चलो, पार्टी शुरू करते हैं’ कहते हुए सुनाई दे रहा है। चार आरोपितों के साथ उसको भी गिरफ्तार कर लिया गया है, जिनमें एक महिला भी शामिल है। पता चला है कि टैरंट ने गुरुवार रात को ही फेसबुक पर पोस्ट के जरिए अपनी मंशा जाहिर कर दी थी और लिखा था कि वह ‘आक्रमणकारियों’ पर हमला करेगा और उसे फेसबुक पर लाइव दिखाएगा।
टैरंट ने इस दिल दहला देने वाली करतूत को 17 मिनट तक फेसबुक पर लाइव किया। वह कार को चालू करते वक्त कहता है, ‘चलो, इस पार्टी को अब शुरू करते हैं।’ फिर वह सेन्ट्रल क्राइस्टचर्च के अल नूर मस्जिद की तरफ बढ़ना शुरू कर देता है। कार में उसने कई हथियार भी जमा कर रखे थे, जिसे फेसबुक लाइव के दौरान भी दिखाया था। वह कार से उतरता है और जमीन में ताबड़तोड़ गोलियां दागता है। बैकग्राउंड में सर्बियन म्यूजिक बज रहा था और वह सैटलाइट नैविगेशन के जरिए गाड़ी मोड़ रहा था जो उसे यह बताता था कि कब किस ओर मुड़ना है।
https://www.youtube.com/watch?v=kKyw5ck6GR4
हत्यारे ब्रेंटन टैरंट का जन्म ऑस्ट्रेलिया में हुआ था। उसने अपनी मंशा का ऐलान करते हुए 37 पेजों का एक मैनिफेस्टो भी लिखा है, जिसका हैडिंग है- ‘द ग्रेट रिप्लेसमेंट’ यानी महान बदलाव। इसे एक मेसेज बोर्ड वेबसाइट पर पोस्ट किया गया था। टैरंट ने खुद का परिचय ’28 साल का एक साधारण श्वेत शख्स’ के तौर पर बताया है। जिसका जन्म ऑस्ट्रेलिया में एक निम्न आय वाले परिवार में हुआ था। ‘हमला क्यों किया’ इस शीर्षक के तहत उसने लिखा है कि यह ‘विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा हजारों लोगों की मौत’ का बदला लेने के लिए है।
उसने फेसबुक पोस्ट में लिखा था, ‘मैं आक्रमणकारियों के खिलाफ हमला करूंगा और फेसबुक के जरिए हमले की लाइव स्ट्रीमिंग तक करूंगा।’ अपनी पोस्ट में टैरंट ने लिखा था, ‘अगर मैं हमले में नहीं बचता हूं तो आप सभी को अलविदा!’ उसने दावा किया है कि वह दो सालों से हमले की साजिश रच रहा था। तीन महीने पहले ही उसने हमले वाली जगह का चुनाव किया था। वह ऐंटी-इमिग्रेशन और अति-दक्षिणपंथी समूहों का सदस्य है। वह अति-दक्षिणपंथी आतंकी एंडर्स ब्रीवीक के साथ संपर्क में था। ब्रीवीक ने 2011 में नार्वे के उटोया द्वीप पर 69 लोगों की हत्या की थी। बाद में उसने ओस्लो में कार बम के जरिए आठ लोगों को मारा था। टैरंट ने खुद को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप का समर्थक बताया जो उसके मुताबिक ‘नई श्वेत पहचान के प्रतीक’ हैं और दोनों का साझा उद्देश्य है। टैरंट का कहना है कि वह पहले कम्यूनिस्ट था और फिर अराजकतावादी बन गया। अब वह खुद को ‘इको-फासिस्ट’ बता रहा है।