अब सेंट्रल विस्टा निर्माण के बचाव में उतरी मोदी सरकार!

  • दिल्ली हाईकोर्ट से कहा-  कर्फ्यू लागू होने के पहले से काम कर रहे मजदूर

नई दिल्ली/मुंबई/लखनऊ। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर रोक लगाने की मांग से जुड़ी याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। जिसमें मोदी सरकार ने इस प्रोजेक्ट के निर्माण का बचाव किया। केंद्र ने कहा कि मजदूर इस काम में कर्फ्यू से पहले ही जुट गए थे। सभी का हेल्थ इंश्योरेंस है और कंस्ट्रक्शन साइट पर कोविड फैसिलिटी भी है।
मोदी सरकार ने कहा कि कोर्ट में याचिका झूठे आधार पर दायर की गई है। अदालत अब इस मामले पर आज बुधवार को सुनवाई करेगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में ऐसी ही एक अर्जी लगाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में फिलहाल दखल देने से मना कर दिया था।
इस मामले के अलावा ऑक्सीजन प्लांट, वैक्सीनेशन से जुड़े मामलों पर देश के दो अन्य हाईकोर्ट में आज बुधवार को सुनवाई होनी है। महाराष्ट्र के निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट बनाने के निर्देश के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट इसके लिए जरूरी जगह और खर्च से जुड़े मसलों पर सुनवाई करेगा। वहीं देश के सबसे ज्यादा बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में टीकाकरण कैसे होगा? इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।

विरोध के बावजूद सेंट्रल विस्टा का निर्माण जारी : विपक्षी दल नए संसद भवन, सरकारी ऑफिस और प्रधानमंत्री आवास बनाए जाने का विरोध करते रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने इस प्रोजेक्ट का यह कहते हुए विरोध किया कि महामारी के दौरान इसको रोक दिया जाना चाहिए। कुछ लोगों का कहना है कि इस दौरान हॉस्पिटल्स की परेशानी है। ऑक्सीजन, वैक्सीन और दवाओं की किल्लत है। प्लान के मुताबिक 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले दिल्ली में सरकारी इमारतें और कुछ आवास बनाए जाने हैं। इसके लिए राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक का चार किलोमीटर का क्षेत्र चुना गया था। पिछले दिनों राहुल गांधी ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को गैरजरूरी बताया था।

यह है सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट : राष्ट्रपति भवन, मौजूदा संसद भवन, इंडिया गेट और राष्ट्रीय अभिलेखागार की इमारत को वैसा ही रखा जाएगा। सेंट्रल विस्टा के मास्टर प्लान के मुताबिक पुराने गोलाकार संसद भवन के सामने गांधीजी की प्रतिमा के पीछे नया तिकोना संसद भवन बनेगा। यह 13 एकड़ जमीन पर बनेगा। इस जमीन पर अभी पार्क, अस्थायी निर्माण और पार्किंग है। नए संसद भवन में दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के लिए एक-एक इमारत होगी, लेकिन सेंट्रल हॉल नहीं बनेगा।
15 एकड़ में बनेगा नया पीएम आवास : मंत्रालयों का साझा केंद्रीय सचिवालय बनाने के लिए शास्त्री भवन, उद्योग भवन, निर्माण भवन, कृषि भवन सहित कई अन्य इमारतें भी गिराई जाएंगी। सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास प्रोजेक्ट में सीपीडब्ल्यूडी के हालिया प्रस्ताव के मुताबिक प्रधानमंत्री के नए आवासीय कॉम्प्लेक्स में चार मंजिला 10 इमारतें होंगी। प्रधानमंत्री के नए आवास को 15 एकड़ भूमि पर बनाया जाएगा।

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