नगालैंड : विद्रोही समझ सुरक्षाबलों ने 13 मजदूरों को गोलियों से भूना, एक जवान की भी मौत!

  • बेवजह फायरिंग से गुस्साए ग्रामीणों ने जवानों की गाड़ियां फूंकीं, उच्चस्तरीय एसआईटी जांच के आदेश

कोहिमा। नगालैंड के मोन जिले में सुरक्षाबलों की बेवजह फायरिंग में 13 मजदूरों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि इन लोगों के उग्रवादी संगठन से जुड़े होने की आशंका के चलते सिक्योरिटी फोर्सेज ने फायरिंग की, जिसमें इन लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा। इस घटना के बाद इलाके में हिंसा फैल गई। सुरक्षाबलों और स्थानीय लोगों के बीच हिंसक झड़प भी हुई।
असम राइफल्स के अधिकारियों ने बताया कि ऑपरेशन में सुरक्षाबलों को गंभीर चोटें आई हैं। इस दौरान एक सैनिक की मौत हो गई। इस घटना को लेकर कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई के लिए सुरक्षा बल तिरु-ओटिंग रोड पर घात लगाकर तैनात थे। उसी दौरान उन्होंने गलती से ग्रामीणों को विद्रोही समझ लिया। इनपुट में जिस रंग की गाड़ी के बारे में बताया गया था, उसी रंग की गाड़ी वहां से गुजरी। जवानों ने गाड़ी को रोकने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं रुकी। इसके बाद सिक्योरिटी फोर्सेज ने फायरिंग शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि गोलीबारी का शिकार हुए सभी लोग मजदूर थे, जो काम के बाद एक पिकअप में सवार होकर अपने घर जा रहे थे।
देर रात तक घर नहीं पहुंचने पर ग्रामीणों ने उन्हें ढूंढना शुरू किया और तब उन्हें इस घटना की जानकारी मिली। गुस्साए ग्रामीणों ने सुरक्षा बलों की गाड़ियों को आग लगा दिया। गुस्साई भीड़ को नियंत्रित करने में जवानों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। इसके बाद मुख्यमंत्री नीफियू रियो ने कहा कि मोन के ओटिंग में नागरिकों की हत्या की घटना बेहद निंदनीय है। इसकी हाई-लेवल एसआईटी जांच कराई जाएगी। सभी को कानून के हिसाब से न्याय मिलेगा। उन्होंने सभी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।
गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, ‘नगालैंड के ओटिंग में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना से दुखी हूं। मैं उन लोगों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना जाहिर करता हूं जिन्होंने अपनी जान गंवाई है। राज्य सरकार इसकी हाई-लेवल एसआईटी जांच कराएगी, ताकि पीड़ित परिवारों को न्याय मिल सके।’

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