आत्मनिर्भर भारत को प्राथमिकता
- किसानों को अपनी मर्जी से फसल बेचने और दाम तय करने की दी आजादी
- श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर होगा कोलकाता बंदरगाह का नाम
- वर्ष 2022 तक निर्धारित किया किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य
नई दिल्ली। आज बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें किसानों के लिए 3 बड़े और खास फैसले लिए गए। आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव को मंजूरी दी गई। किसानों को अपनी मर्जी से फसल बेचने और दाम तय करने की आजादी दी गई। व्यापारी और किसान के बीच विवाद की स्थिति आने पर इसे कोर्ट से बाहर रखा जाएगा।
मोदी कैबिनेट के अहम फैसलों में कोलकाता पोर्ट का नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर किये जाने को मंजूरी दी गई। देश के 14 करोड़ किसानों में से 85% छोटे और मझोले हैं। उन्हें अपने उत्पादन का उचित मूल्य नहीं मिल पाता। इसलिए दिक्कतें आती हैं।
सरकार किसानों के हितों के लिए लगातार फैसले ले रही है। 2022 तक किसान की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य है। देश में निवेश बढ़ाने के लिए एम्पावर्ड ग्रुप ऑफ सेक्रेटरीज और प्रोजेक्ट डेवलपमेंट सेल्स बनाने की मंजूरी दी गई।
बताया गया कि आवश्यक वस्तु अधिनियम में ऐसे संशोधन किए गए हैं, जिससे किसानों को आजादी मिलेगी। किसान ये तय कर सकेंगे कि वे अपने उत्पादों को कहां, कैसे और किस दाम पर बेचें। मंडी के प्रतिबंध खत्म करने के साथ ये भी ध्यान रखा गया है कि बाहर कोई इंस्पेक्टर राज न चले। व्यापारी और किसान के बीच कोई विवाद की स्थिति बनेगी तो इसे कोर्ट से बाहर रखा जाएगा। पहली शिकायत एसडीएम के पास जाएगी। उसे 30 दिन में फैसला करना होगा। एसडीएम के फैसले से संतुष्ट न होने पर कलेक्टर के पास अपील कर सकेंगे।