त्रिवेंद्र के वायरस ‘जीव’ वाले बयान पर जाने-माने माइक्रोबायोलॉजिस्टों ने लगाई मुहर!

  • देशभर के माइक्रोबायोलॉजिस्टों और कई बुद्धिजीवियों ने वैज्ञानिकता के आधार पर पूर्व सीएम के बयान का किया समर्थन

देहरादून। त्रिवेंद्र सिंह रावत जब मुख्यमंत्री थे, तब स्वार्थ पूरे न होने और अनेक ऐसे ही निजी कारणों के चलते उनके धुर विरोधियों की पूरी फौज खड़ी हो गई थी और वे किसी न किसी बहाने से त्रिवेंद्र सिंह रावत को कोसने में लगे रहते थे। अब त्रिवेंद्र पूर्व मुख्यमंत्री हो गये हैं, इसके बावजूद उनके धुर विरोधियों के सीने की ‘आग’ अभी तक ठंडी नहीं हो पायी है। वे अभी तक त्रिवेंद्र के हर बयान का पीएम करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। ताजा मामला त्रिवेंद्र सिंह रावत के कोरोना वायरस को ‘जीव’ बताने बयान को लेकर सोशल मीडिया पर चटखारे लिये जा रहे हैं, लेकिन उनके इस सीधे-साधे बयान के पक्ष में देशभर के जाने-माने माइक्रोबायोलॉजिस्ट सामने आ गये हैं। जिसके बाद उनके विरोधी बगलें झांकने लगे हैं। त्रिवेंद्र के बयान की खिल्ली उड़ाने वाले उनके चिर विरोधी अब मुंह छिपाते घूम रहे हैं।
प्रख्यात माइक्रोबायोलॉजिस्टों का मानना है कि वायरस जीवित है, तभी तो वह लोगों को नुकसान पहुंचा रहा है। यह बात सही है कि हर प्राणी की तरह वायरस भी जीना चाहता है, जब उस पर कंट्रोल करने या खत्म करने की कोशिश की जाती है तो वह अपने रूप बदलता है यानी वह म्यूटेंट में तब्दील होता है। इसलिए मौजूदा साइंटिस्ट जितनी भी वैक्सीन बना रहे हैं, वे सभी उस पर काबू पाने की दिशा में काम कर रहे हैं। यह वायरस को रोकने की वैक्सीन है। वायरस को मारने की वैक्सीन अब तक न तो बनी है और न ही इस पर कोई विचार हो रहा है। जिससे साफ होता है कि यह एक जीवित वायरस है।
गौरतलब है कि दो दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने एक निजी टीवी चैनल को दिये साक्षात्कार में बताया था कि कोरोना एक प्राणी है वह भी जीना चाहता है। हालांकि उन्होंने इंटरव्यू देते हुए चैनल के संवाददाता को यह भी बताया कि वह इसकी दार्शनिक और वैज्ञानिक आधार पर व्याख्या कर रहे है। इसलिये इस बयान को सिर्फ दार्शनिक और वैज्ञानिक आधार पर ही व्याख्या माना जाए, लेकिन टीवी चैनल के संवाददाता ने उस बात को काट दिया और पूर्व सीएम की छवि को धूमिल करने के लिये सिर्फ अपने टीवी चैनल और अन्य सोशल मीडिया यह प्रसारित किया कि पूर्व सीएम रावत का कहना है कि कोरोना एक प्राणी है।
वहीं इसके 24 घंटे के दौरान ही देशभर के माइक्रोबायोलॉजिस्टों व कई बुद्धिजीवियों ने वैज्ञानिकता के आधार त्रिवेंद्र के बयान का न सिर्फ समर्थन किया बल्कि इस विषय पर खुलकर अपनी राय भी रखी। देश के जाने-माने माइक्रोबायोलॉजिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट और प्रोफेसर डॉ. एएम देशमुख ने उनके बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने बयान में जो भी कुछ कहा है वह 100 फीसद सही है। लिहाजा लोगों को उनके बयान की गहराई को समझना चाहिए। उन्होंने कहा जो पढ़े-लिखे लोग उनके बयान पर चुटकी ले रहे हैं, उन्हें अध्ययन करना चाहिए।
डॉ. देशमुख कहते हैं कि वायरस जीवित है, तभी वह लोगों को नुकसान पहुंचा रहा है। किसी भी वायरस का घर अन्य प्राणियों का शरीर होता है। जब तक वह उस शरीर में रहेगा तब तक वह अपना काम करता रहेगा। एक शरीर से दूसरे शरीर, उससे तीसरे शरीर में वह जाता रहेगा। अगर हमने सावधानी नहीं रखी तो ये हमें समय से पहले खत्म कर देगा।
एएम देशमुख के अनुसार इस वक्त दुनियाभर के लोग इसी बात पर फोकस कर रहे हैं कि कैसे इंसान की इम्यूनिटी पावर बढ़ाई जाए, जिससे ये वायरस बॉडी पर कम से कम असर करे। वह बताते हैं कि ऑक्सफोर्ड विवि भी वायरस को जीवित की श्रेणी में रखता है। हर जीव अपने जीवन की सम्भावना के लिए संपूर्ण प्रयास करता है। भारतीय दर्शन में तो हर जीव एवं निर्जीव में आत्मा का वास माना गया है। भारतीय दर्शन एवं उपनिषद ऐसे उदाहरणों से भरे पड़े हैं।

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