ओलिंपिक ट्रायल
- हाथ मिलाए बिना रिंग से निकलीं, मुक्केबाज जरीन ने कहा- मुझे गाली भी दी
- निखत ने मैरीकॉम से ट्रायल मुकाबले के लिए किया था दावा, तीसरी बार उनसे हारीं
- ‘मैं हाथ क्यों मिलाऊं? अगर वो सम्मान चाहती हैं तो पहले सम्मान दें’ : मैरीकॉम
नई दिल्ली। मुक्केबाज मैरीकॉम ने निखत जरीन को टोक्यो ओलिंपिक क्वालिफायर के लिए 51 किलोग्राम भार वर्ग में ट्रायल मुकाबले में 9-1 से हरा दिया।
आज शनिवार को नई दिल्ली में खेले गए इस मुकाबले में मैरीकॉम शुरू से ही हावी रही। उन्होंने जरीन को संभलने का कोई मौका नहीं दिया। दोनों के बीच यह चौथा मुकाबला था। इससे पहले मैरीकॉम दो में जीती थीं। एक में जरीन को जीत मिली थी। मैच के बाद खत्म होने के बाद मैरीकॉम जरीन से हाथ और गले मिलाए बगैर गुस्से में बाहर निकल गईं।
मैरीकॉम ने निखत से हाथ न मिलाने के सवाल पर कहा, ‘मैं उनसे हाथ क्यों मिलाऊं ? अगर वो सम्मान चाहती हैं तो पहले उन्हें सम्मान देना चाहिए। मैं इस तरह की व्यवहार वालों को पसंद नहीं करती। आप खुद को रिंग में साबित करें, बाहर नहीं। निखत के सपोर्टर ने मुझसे गलत व्यवहार किया। मैं उन्हें तीन बार हरा चुकी हैं, फिर भी नहीं सुधर नहीं रहे। बाहर बोलते रहना गलत है।’
दूसरी ओर निखत ने कहा, ‘मैरीकॉम युवाओं के लिए आदर्श हैं। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। उन्होंने मैच के बाद ही नहीं, मैच के दौरान भी मुझे गाली दी थी।’ मुकाबले के दौरान बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अजय सिंह भी मौजूद थे। इस मामले पर उन्होंने कहा कि मैरीकॉम आदर्श बॉक्सर हैं। जोश में कभी-कभी ऐसा हो जाता है। मामले को तूल नहीं देना चाहिए।
गौरतलब है कि टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालिफायर मुकाबले चीन के वुहान में तीन से 14 फरवरी तक खेले जाएंगे। मैरीकॉम छह बार वर्ल्ड चैम्पियनशिप जीत चुकी हैं। उन्होंने लंदन ओलिंपिक 2012 में कांस्य पदक अपने नाम किया था। वहीं निखत इस साल एशियन चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीती थीं।
अन्य मुकाबलों में वर्ल्ड चैम्पियनशिप में दो रजत पदक जीतने वाली सोनिया लाठेर (57 किग्रा) को साक्षी चौधरी ने शिकस्त दी। लाठेर एशियन गेम्स में भी पदक जीत चुकी हैं। 60 किग्रा भारवर्ग में पूर्व वर्ल्ड चैम्पियन सरिता देवी नेशनल चैम्पियन सिमरनजीत कौर से हार गईं।
उल्लेखनीय है कि निखत ने ट्रायल के लिए खेल मंत्री किरण रिजिजू को भी पत्र लिखा था। तब उन्होंने कहा था, ‘मैं बचपन से ही मैरीकॉम से प्रेरित रही हूं। इस प्रेरणा के साथ न्याय करने का सबसे बेहतर तरीका यही हो सकता है कि मैं उनकी तरह एक महान मुक्केबाज बनने की कोशिश करूं। क्या मैरीकॉम खेल की इतनी बड़ी शख्सियत हैं कि उन्हें मुकाबले से दूर रखने की जरूरत है?’