‘राहुल सांस्कृत्यायन पर्यटन पुरस्कार’ से नवाजे गये तापस चक्रवर्ती

  • केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने तापस की पुस्तक ‘मंदिरों का नगर : बिष्णुपुर’ को ‘राहुल सांस्कृत्यायन पर्यटन पुरस्कार’ के लिये चुना

देहरादून/दिल्ली। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने मूल रूप से हिंदी में पुस्तक लेखन को बढ़ावा देने के लिये देहरादून वासी तापस चक्रवर्ती की किताब ‘मंदिरों का नगर : बिष्णुपुर’ को ‘राहुल सांस्कृत्यायन पर्यटन पुरस्कार’ योजना के तहत वर्ष 2018-19 के लिये द्वितीय पुरस्कार के लिये चुना है।
पर्यटन मंत्रालय ने यह जानकारी चक्रवर्ती को एक पत्र के माध्यम से दी है। पत्र में बताया गया है कि पर्यटन मंत्रालय की मूल्यांकन समिति और पुरस्कार समिति के फैसले के अनुसार यह निर्णय लिया गया है।

उल्लेखनीय है कि तापस चक्रवर्ती की पुस्तक ‘मंदिरों का शहर : बिष्णुपुर’ एक गौरवशाली विरासत के शहर बिष्णुपुर के वर्तमान में विलुप्त होने जाने तक के इतिहास के बारे में पाठकों की उत्सुकता जगाती है। बंगाल के इस शहर के समान अनूठी बनावट के इन मंदिरों की बानगी कहीं और देखने को नहीं मिलती है। चक्रवर्ती ने अपने अनूठे प्रयास और कड़ी मेहनत से पाठकों को मल्ल राजाओं द्वारा बनवाये गये इस मंदिर समूह के बारे में बताने का प्रयास किया है। साथ ही मल्ल वंश के सभी राजाओं के बारे में विस्तृत विवरण भी पुस्तक में दिया गया है। जहां पौराणिक एवं ऐतिहासिक किस्सों, राजाओं से संबंधित घटनाओं, मंदिरों के निर्माण की विस्तृत जानकारी आदि का समावेश पुस्तक में किया गया है। चक्रवर्ती द्वारा कुछ चित्र भी पुस्तक में उपलब्ध कराये गये हैं जो इस यात्रा वृतांत को और अधिक रोचक बनाते हैं। पुस्तक एक प्रकार से लेखक की आंखों से ‘बिष्णुपुर दर्शन’ ही है। जो रुचिकर और पठनीय भी है। सब कुछ इतनी सरल भाषा में कहा गया है कि पाठक भी लेखक के साथ यात्रा करने लगता है। विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं के लिये यह पुस्तक वरदान साबित हो सकती है।  
गौरतलब है कि इससे पहले तापस चक्रवर्ती की पुस्तक ‘रुक जाना नहीं’ को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा ‘राजभाषा गौरव पुरस्कार’ से नवाजा जा चुका है। उनकी उपलब्ध्यिों पर उत्तराखंड के साहित्यकारों और लेखकों ने तापस चक्रवर्ती को शुभकामनायें दी हैं।

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