लाल आतंक में शहीद हुए 1150 जवान!

खूनी सच

  • पिछले 10 साल में देश में नक्‍सल विरोधी अभियान में भेंट चढ़े कुल 4467 लोग  
  • 11 राज्‍यों के 90 जिले ‘लाल आतंक’ की चपेट में : गृह मंत्रालय 

गढ़चिरौली। गत बुधवार को नक्सलियों के घात लगाकर किए गए हमले में जो 15 जवान शहीद हुए, वे सभी जवान महाराष्‍ट्र के सी-60 कमांडो दस्‍ते के थे। ऐसा नहीं है कि नक्‍सलियों ने पहली बार इस तरह की कायरना हरकत की है। पिछले 10 साल में अब तक 1150 सुरक्षाकर्मी नक्‍सल विरोधी अभियान में शहीद हो गए हैं और 1300 से ज्‍यादा घायल हुए हैं। जबकि इसी दौरान कुल 4467 लोग हिंसा की भेंट चढ़ चुके हैं। पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी से शुरू हुआ नक्‍सलवाद ने अब 11 राज्‍यों के 90 जिलों में पैर पसार लिये है। अभी भी दंतेवाड़ा और गढ़चिरौली दो ऐसी जगह हैं जो नक्‍सलियों का गढ़ बनी हुई हैं। छत्तीसगढ़, महाराष्‍ट्र, मध्‍य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, तेलंगाना, उत्‍तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के 90 जिलों में नक्‍सलियों का ‘रेड कॉरीडोर’ फैला हुआ है। इन जिलों में इससे पहले भी कई बार नक्सलियों ने सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाया है। गत चार अप्रैल 2019 को बस्‍तर में नक्‍सलियों ने चार बीएसएफ जवानों की हत्‍या कर दी। नौ अप्रैल को दंतेवाड़ा में भाजपा विधायक भीमा मंडावी और चार पुलिसकर्मियों की हत्‍या कर दी गई। एक मई को गढ़चिरौली में बुधवार को नक्सलियों के घात लगाकर किए गए हमले में 15 जवान शहीद हो गए। इससे पहले 13 मार्च 2018 को छत्‍तीसगढ़ के सुकमा जिले में सीआरपीएफ की 212वीं बटालियन के जवानों पर हमला हुआ था। आईईडी लगाकर किए गए इस नक्सली हमले में सीआरपीएफ के नौ जवान शहीद हुए थे। मई 2018 में छत्‍तीसगढ़ आर्म्‍ड फोर्स के सात जवान दंतेवाड़ा में मारे गए। जून 2018 झारखंड जगुआर फोर्स के छह जवान शहीद हो गए। जुलाई 2018 में नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में बीएसएफ के जवानों पर हमला किया था, जिसमें बीएसएफ के दो जवान शहीद हुए थे। 23 सितंबर 2018 को टीडीपी एमएलए किदारी सर्वेश्‍वर राव और पूर्व विधायक सिवेरी की विशाखापपट्टनम में नक्‍सलियों ने गोली मारकर हत्‍या कर दी। 30 अक्‍टूबर को दंतेवाड़ा में दूरदर्शन के एक कैमरामैन और दो पुलिसकर्मियों की हत्‍या कर दी गई। इससे पूर्व 25 मई 2013 को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में एक हजार से ज्यादा नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला कर दिया। इस हादसे में कांग्रेस नेता विद्याचरण शुक्ल, महेंद्र कर्मा और नंदकुमार पटेल समेत 25 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। गत 6 अप्रैल 2010 दंतेवाड़ा जिले के चिंतलनार जंगल में नक्सलियों ने सीआरपीएफ के 75 जवानों सहित 76 लोगों की हत्या कर दी। इससे पूर्व 4 अप्रैल 2010 को ओडिशा के कोरापुट जिले मे पुलिस की एक बस पर हमला कर विशेष कार्य दल के 10 जवान मार दिये गये। इस घटना में 16 जवान घायल हुए। 23 मार्च 2010 को बिहार के गया जिले में रेलवे लाइन पर विस्फोट करके भुवनेश्वर-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस को पटरी से उतारा। इसी दिन ओडिशा की रेलवे पटरी पर हमला करके हावड़ा-मुंबई लाइन क्षतिग्रस्त की। 15 फरवरी 2010 को पश्चिम बंगाल के सिल्दा में करीब 100 नक्सलियों ने पुलिस कैंप पर हमला करके 24 जवानों की हत्या की और उनके हथियार लूट लिये। आठ अक्टूबर 2009 को गढ़चिरौली जिले में लाहिड़ी पुलिस थाने पर हमला करके 17 पुलिसवालों की हत्या की गई। 

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