वैक्सीन सर्टिफिकेट पर पीएम की तस्वीर पर बिहार सरकार में सहयोगी पूर्व सीएम मांझी ने दागा सवाल
अपनी फोटो छपवाने के मोदी के ‘शौक’ पर विपक्ष के हमलों के बाद अब अपने भी विरोध में उतरे
पटना। वैक्सीन सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर होने पर विवाद बढ़ता जा रहा है। विपक्ष के हमलों के बाद अब अपने भी विरोध में उतर आए हैं। बिहार में एनडीए सरकार में साझीदार हम पार्टी ने भी निशाना साधा है। इस मुद्दे पर हम पार्टी के सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने दो ट्वीट किए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने रविवार को लिखा था, ‘ को वैक्सीन का दूसरा डोज लेने के बाद मुझे प्रमाणपत्र दिया गया, जिसमें प्रधानमंत्री की तस्वीर लगी है। देश में संवैधानिक संस्थाओं के सर्वेसर्वा राष्ट्रपति हैं। इस नाते उसमें राष्ट्रपति की तस्वीर होनी चाहिए। वैसे तस्वीर ही लगानी है तो राष्ट्रपति के अलावा पीएम और सीएम की भी तस्वीर हो ।’ मांझी ने रविवार को कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज लिया है।
जीतन राम मांझी यहीं नहीं रुकें। उन्होंने आज सोमवार को भी एक ट्वीट किया, जिसमें लिखा, ‘वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर यदि तस्वीर लगाने का इतना ही शौक है तो कोरोना से हो रही मौतों के डेथ सर्टिफिकेट पर भी तस्वीर लगाई जाए। यही न्याय संगत होगा।’
गौरतलब है कि जीतन राम मांझी ने 2015 का चुनाव भाजपा के संरक्षण में लड़ा था। उस समय यह मात्र एक सीट ही जीत पाए थे, वह भी खुद की। फिर जीतन राम मांझी का प्रेम राजद की तरफ हो गया। राजद में अपना बहुत महत्व नहीं देखते हुए वह नीतीश कुमार की शरण में गए। हालांकि नीतीश भाजपा के साथ विधानसभा का चुनाव लड़ रहे थे, लेकिन जीतन राम मांझी ने जदयू कोटा से अपनी पार्टी का शामिल किया। चार सीट जीतने के बाद बेटे को मंत्री बना दिया। जीतन अक्सर भाजपा और मोदी पर हमला करते रहते हैं। नीतीश सरकार में मांझी और सहनी का रोल अहम हैं। बिहार में एनडीए को कुल 125 सीटें मिली हैं। इनमें बीजेपी को 74, जेडीयू को 43, वीआईपी को 4 और हम को 4 सीटें मिली हैं। 243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा में सरकार बनाने के लिए किसी भी गठबंधन को 122 सीटों की जरूरत है। बीजेपी और जेडीयू की सीटें मिला दें तो 117 सीटें होती हैं। ऐसे में दोनों बड़े दल वीआईपी और हम को इग्नोर कर नहीं चल सकते हैं। क्योंकि सत्ता की चाबी इन्हीं दोनों के पास है।