बीते सोमवार को भी एक चर्च के पास हुए थे धमाके और बड़ी संख्या में बरामद हुए बम डेटोनेटर
आज भी एक लॉरी और वैन में बड़ी मात्रा में विस्फोटक होने की खबर से पुलिस स्टेशन हाई अलर्ट पर
कोलंबो। ईसाइयों के पवित्र त्योहार ईस्टर संडे को मातम में बदलने के खूनी खेल में श्रीलंका में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के पीछे दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट का हाथ था। आज मंगलवार को आईएस ने अपनी अमाक न्यूज एजेंसी के माध्यम से श्रीलंका में हमलों की जिम्मेदारी ली। हालांकि इससे पहले ही श्रीलंका सरकार की ओर से बताया गया था कि शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि चर्च और होटलों में हुए धमाके न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च हमले के जवाब में किए गए थे। इस बीच रविवार को हुए आठ धमाकों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 321 हो गई है। इससे पहले रक्षा राज्यमंत्री रुवान विजयवर्धने ने संसद में बताया कि संसदीय जांच में यह खुलासा हुआ है कि ये धमाके क्राइस्ट चर्च में मुस्लिमों पर हुए हमले का बदला लेने के लिए किए गए थे। सरकार की तरफ से आतंकी मंसूबों को नाकाम करने के लिए सुरक्षाबलों को खुली छूट दे दी गई है। गौरतलब है कि 15 मार्च को क्राइस्ट चर्च में दो मस्जिदों में हुई गोलीबारी में 50 लोगों की मौत हो गई थी। उधर, श्रीलंका में आतंकी हमलों का खतरा अभी पूरी तरह से नहीं टला है। बीते सोमवार को भी एक चर्च के पास धमाके हुए थे और बड़ी संख्या में बम डेटोनेटर बरामद किए गए। आज मंगलवार को भी एक लॉरी और वैन में बड़ी मात्रा में विस्फोटक होने की खबर सामने आने के बाद श्रीलंका सरकार ने सभी पुलिस स्टेशनों को हाई अलर्ट पर रख दिया है। श्रीलंका पुलिस के हवाले से एएफपी समाचार एजेंसी ने खबर दी है कि देश में चौथे होटल में आतंकी हमले को सुरक्षाबलों ने नाकाम कर दिया था। यूनिसेफ प्रवक्ता के हवाले से बताया कि मारे गए लोगों में 45 बच्चे शामिल हैं। आज मंगलवार को शोक में डूबे श्रीलंका में आतंकी हमलों में मारे गए लोगों का सामूहिक अंतिम संस्कार किया गया।