इंदिरा के आगे पीसीसी बौनी!

कांग्रेस में क्षत्रप राज

  • तिलकराज बेहड़ ने अपने कार्य क्षेत्र तराई के जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का लगाया आरोप
  • कुमाउं मंडल में कांग्रेस नेताओं के लिये हल्द्वानी से जारी हो रहे है फरमान
  • तराई के नेताओं को नहीं दी जा रही पार्टी गतिविधियों की जानकारी

आगामी लोकसभा चुनाव के लिये सभी पार्टियों में टिकटों के दावेदारों में मारामारी मची है। कांग्रेस भी इससे अछूती नहीं हैं। टिकट फाइनल होने की अंतिम प्रक्रिया चल रही है और इसके लिये 16 मार्च को देहरादून के परेड ग्राउंड में रैली के बाद ही देवभूमि उत्तराखण्ड की पांचों लोकसभा सीटों के लिये प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की उम्मीद ​की जा रही है। इस बीच पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तिलक राज बेहड़ ने कुमाउं मंडल में चल रही गुटबाजी का बम फोड़ दिया है।
बेहड़ ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव के लिये अधिकृत प्रदेश कांग्रेस कमेटी से कम हल्द्वानी से ज्यादा निर्देश मिल रहे हैं। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश की ओर अपरोक्ष रूप से इशारा करते हुए कहा कि तराई के नेताओं को हाशिये पर डालकर बाईपास करने की साजिश की जा रही हैं। इसके साथ ही बरसों से स​मर्पित और जनाधार से जुड़े नेताओं को दरकिनार कर बाहरी लोगों को सीधे पार्टी की सदस्यता दी जा रही है। जबकि कांग्रेस के स्थानीय संगठन से इस बारे में बात नहीं की जा रही। उन्होंने कहा कि नारायण दत्त तिवारी के समय में उन्हें पूरी तवज्जो मिलती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है।
उन्होंने कहा कि पीसीसी को बाईपास करके चुनाव से संबंधित सारे निर्देश जब हल्द्वानी से ही जारी होने हैं तो चुनाव का संचालन भी हल्द्वानी को सौंप दिया जाए क्योंकि संगठन की समानांतर सत्ता से एक ओर गुटबाजी को हवा ​मिलती है, दूसरी ओर जनता के बीच गलत संदेश भी जाता है।
बेहड़ ने कहा कि तराई क्षेत्र यानी उधमसिंहनगर जिले में पार्टी के कई दिग्गज नेता हैं, लेकिन उनकी भी उपेक्षा की जा रही है। इसके साथ ही उन्हें पार्टी के छोटे—मोटे हर काम के लिये कहा जाता है कि हल्द्वानी से बात कर लो। लगता है कि हल्द्वानी के आगे प्रदेश कांग्रेस कमेटी बौनी हो गई है। अगर यही हाल रहा तो आने वाले चुनाव में इसका पार्टी के प्रदर्शन पर असर दिखाई देगा। उनके इस बयान से कांग्रेस में चल रही खींचतान और कलह उभरकर सामने आ गई है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस के समर्पित सिपाही हैं। पार्टी जिस प्रत्याशी को टिकट देगी, वह उसका सम्मान करेंगे और उसे जिताने का पूरा प्रयास करेंगे। फिलहाल वह राहुल गांधी की रैली की तैयारियों में जुटे हैं और तराई क्षेत्र खासतौर अपने विधानसभा क्षेत्र से वह बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को साथ लेकर रैली में भाग लेंगे।

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