भारतीय वायुसेना में आज बोइंग द्वारा बनाए गए चिनूक सीएच-47एफ(आइ) हैवी लिफ्ट हेलीकॉप्टर को चंडीगढ़ स्थित एयरफोर्स स्टेशन में आज एक कार्यक्रम में शामिल कर लिया गया। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने इस अवसर पर कहा कि चिनूक हेलीकॉप्टर सिर्फ दिन में ही नहीं, रात के वक्त भी सैन्य ऑपरेशन कर सकता है। असम के दिनजान में पूर्वी भारत के लिए जल्द ही एक और यूनिट गठित की जाएगी। चिनूक का शामिल होना भी उसी तरह गेम चेंजर साबित होगा, जैसे लड़ाकू विमानों की फ्लीट में राफेल का शामिल होना होगा। उन्होंने यह भी कहा की इस समय देश के सामने सुरक्षा से जुड़ी कई बड़ी चुनौतियां हैं और मुश्किल जगहों के लिए इस तरह की क्षमता वाले हेलीकॉप्टर की वायुसेना को जरूरत है। उन्होंने बताया कि चिनूक को भारत की जरूरतों के लिहाज से तैयार किया गया है और यह एक राष्ट्रीय संपत्ति है। सीएच-47 चिनूक एक एडवांस्ड मल्टी मिशन हेलीकॉप्टर है, जो भारतीय वायुसेना को बेजोड़ सामरिक महत्व की हेवी लिफ्ट क्षमता प्रदान करेगा। चिनूक बहुद्देशीय, वर्टिकल लिफ्ट प्लेटफॉर्म हेलिकॉप्टर है जिसका इस्तेमाल सैनिकों, हथियारों, उपकरण और ईंधन को ढोने में किया जाता है। इसका इस्तेमाल मानवीय और आपदा राहत अभियानों में भी किया जाता है। राहत सामग्री पहुंचाने तथा बड़ी संख्या में लोगों को बचाने में भी इसका उपयोग किया जा सकता है। ऊंचाई वाले इलाकों में भारी वजन के सैनिक साज सामान के परिवहन में भी इस हेलिकॉप्टर की अहम भूमिका होगी।
गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना ने 15 चिनूक हेलिकॉप्टर का आर्डर दिया था जिसमें से पहला चिनूक हेलिकॉप्टर इस साल फरवरी में आया था। चिनूक हेलिकॉप्टर अमेरिकी सेना के अलावा 18 देशों की सेनाओं में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। इसमें पूरी तरह एकीकृत डिजिटल कॉकपिट मैनेजमेंट सिस्टम है। इसके अलावा इसमें कामन एविएशन आर्किटेक्चर काकपिट और अडवांस्ड काकपिट प्रबंध विशेषताएं हैं।