भारत-चीन की बातचीत आज गुरुवार को भी रही बेनतीजा, दोनों ने एक दूसरे को ठहराया जिम्मेदार

गलवान घाटी विवा

  • भारत और चीन के मेजर जनरल लेवल की वार्ता बुधवार को भी हुई थी, लेकिन बेनतीजा रही
  • चीन ने कहा- भारत मौजूदा हालात पर गलत राय न बनाए, चीन की इच्छाशक्ति को कमजोर न समझे
  • चीन ने तीन दिन में तीसरी बार कहा- इस खूनी झड़प के लिए भारतीय जवान ही जिम्मेदार

नई दिल्ली। लद्दाख की गलवान घाटी में तनाव को दूर करने के लिए भारत और चीन के मेजर जनरल लेवल की दूसरे दौर की बातचीत आज गुरुवार को हुई। यह बेनतीजा रही। शाम को भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा- भारत और चीन मिलिट्री और डिप्लोमैटिक चैनल के जरिए तनाव कम करने की कोशिश कर रहे थे। 6 जून को मिलिट्री कमांडरों के बीच इसी पर चर्चा हुई थी। इसके बाद लगातार दोनों पक्षों में बातचीत हो रही थी। 15 जून की रात जो कुछ हुआ, उसके लिए चीन पूरी तरह से जिम्मेदार है। हाई लेवल पर जो सहमति बनी थी, अगर चीन उसका पालन करता तो यह नुकसान नहीं होता। जैसा कि मोदी ने कल कहा था कि हम शांति से मसला हल करना चाहते हैं, लेकिन हम भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।
सेना ने आज गुरुवार दोपहर में ही बयान दिया है कि अब हमारा कोई भी सैनिक लापता नहीं है। दोनों ही पक्ष लगातार संपर्क में हैं। पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने के लिए ग्राउंड लेवल पर भी भारत और चीन ने कमांडर लेवल की बातचीत जारी रखी है।
इससे पहले बुधवार को हुई बातचीत में भी दोनों देशों के अफसरों के बीच सहमति नहीं बन पाई थी। इस बीच भारतीय सेना ने साफ किया कि गलवान घाटी झड़प में कोई भी भारतीय जवान लापता नहीं हुआ है। दरअसल, अमेरिका के अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने 17 जून के अपने लेख में भारतीय जवानों के लापता होने की बात कही थी।
सेना के सूत्रों के मुताबिक सभी सैनिकों की गिनती हो गई है। गलवान घाटी में सोमवार रात भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 सैनिक शहीद हुए हैं। झड़प के बाद चार सैनिकों की हालत गंभीर है। जबकि चीन के करीब 45 सैनिक मारे गए हैं। इससे पहले 40 सैनिकों के मरने की खबर आई थीं। इनमें यूनिट का कमांडिंग अफसर भी शामिल है। यह अफसर उसी चीनी यूनिट का था, जिसने भारतीय जवानों के साथ हिंसक झड़प की।
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने गलवान झड़प पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय फ्रंट-लाइन के सैनिकों ने समझौता तोड़ा और लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) को पार कर उकसाया और अफसरों-सैनिकों पर हमला किया। इसके बाद ही झड़प हुई और जान गई। उन्होंने कहा कि भारत मौजूदा हालात पर गलत राय न बनाए और चीन की अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता की रक्षा करने की इच्छाशक्ति को कमजोर करके न देखे। चीन की तरफ से तीन दिन में यह तीसरा बयान है, जिसमें उन्होंने इस झड़प के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया। 

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