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समाज के कलंक

  • मजबूरी को भुनाने वाली फर्जी कंपनियों, जालसाजों और ठगों के लोक लुभावने आफर से झांसे में आने से बचें 
  • अब दूतावास, प्रतिष्ठित कंपनियां और जॉब पोर्टल अपनी वेबसाइटों पर ऐसे ठगों से सावधान रहने की दे रहे नसीहत

देश में लगातार बढ़ रही बेरोजगारी के चलते बेरोजगार युवाओं को बेहतर भविष्य के सपने दिखाकर उनके ठगने के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी के मुताबिक भारत की बेरोजगारी दर गत माह अप्रैल में बढ़कर 7.6 प्रतिशत पर पहुंच गई जो अक्टूबर 2016 के बाद सबसे अधिक है। इंटरनेट के विस्तार होने के साथ ही जालसाजों के लिए इस प्रकार की ठगी को अंजाम देना अब काफी आसान हो गया है।
इन चीजों पर निगाह रखने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे शहरों के इंजीनियरिंग कॉलेज से पास होने वाले फ्रेशर्स इन ठगों के चंगुल में आसानी से फंस जाते हैं। इन छात्रों के अभिभावक बच्चों की पढ़ाई में चार से पांच लाख रुपये तक खर्च करते हैं और पढ़ाई पूरी होने के बाद इनकी इच्छा होती है कि उनके बच्चे जल्द से जल्द मोटा पैसा कमाना शुरू कर दें। जिससे कई बार वे भी जालसाजों के चक्कर में फंस जाते हैं। हालांकि अब दूतावास, कंपनी और जॉब पोर्टल अपनी वेबसाइटों पर इस प्रकार के ठगों से सावधान रहने के लिए चौकस कर रहे हैं। 
गत 28 अप्रैल को कतर स्थित भारतीय दूतावास ने ट्वीट कर कहा, ‘कतर में बिजनेस या विजिट वीजा पर नौकरी देने वाले एजेंट पर विश्वास न करें। हमेशा उस एजेंट की कतर आईडी की मांग करें।’ टाटा कन्सल्टेंसी सर्विसेज , शेल और मॉन्स्टर डॉट कॉम ने भी अपनी वेबसाइट्स पर आवेदकों के लिए चेतावनी जारी कर दी है। नौकरी की तलाश कर रहे लोगों के साथ धोखाधड़ी करने के लिए ये ठग अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। ठगी के लिए फिशिंग और मेलिंग का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। ये ठग अलग-अलग जॉब पोर्टल पर खुद को फ्रीलांस जॉब कंसल्टेंट बताते हुए उनके डेटा बेस को ऐक्सेस कर लेते हैं। इसके बाद ये नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को ईमेल भेजते हैं। इस प्रक्रिया में अगर पांच प्रतिशत लोग भी इनके झांसे में आते हैं तो इनके लिए यह काफी फायदे का सौदा होता है जिसमें वे अच्छी कमाई कर लेते हैं। इन ईमेल में ये ठग लोगों से सिक्यॉरिटी डिपॉजिट की मांग करते हैं। पैसा मिलते ही ये ठग गायब हो जाते हैं।
जानी-मानी कंपनी, जॉब पोर्टल और सरकारी विभागों की वेबसाइट से मिलती—जुलती नकली वेबसाइट आवेदकों को गुमराह करने के लिए बनाई जाती हैं। इन साइटों पर ठग फेक जॉब पोस्ट करने के साथ टेस्ट भी लेते हैं और उसका रिजल्ट भी घोषित करते हैं। इसके बाद वे इंटरव्यू क्लियर करने से पहले आवेदकों से पैसे चार्ज कर लेते हैं। कुछ ठग आवेदकों का विश्वास जीतने के लिए नकली ऑफिस, स्टाफ और फेस-टू-फेस इंटरव्यू करने के साथ ही अपॉइंटमेंट लेटर भी देते हैं।खुद को जॉब-कंसल्टेंट बताते हुए ये ठग कॉलेजों से सीधे संपर्क करते हैं। यहां वे कॉलेज को इस बात का विश्वास दिलाते हैं कि वे छात्रों को अच्छी सैलरी पर टॉप की कंपनियों में नौकरी देंगे। इसके लिए ये कॉलेजों से अच्छी खासी रकम लेते हैं। ज्यादातर ऐसे ठग इंटरव्यू कराने से पहले ही भाग जाते हैं। ज्यादातर कंपनियां नई जॉब्स के बारे में अपनी ऑफिशल वेबसाइट पर जानकारी देती हैं। ऐसे में इस तरह की ठगी से बचने के लिये संदिग्ध ईमेल पर विश्वास करने की बजाय उस कंपनी के ऑफिशल वेबसाइट पर दिए गए करियर ऑप्शन में जाकर जॉब के बारे में चेक करें।
दूसरी खास बात यह है कि कोई भी एम्प्लॉयर अपनी कंपनी में नौकरी देने के लिए कभी पैसे की डिमांड नहीं करता। अगर आपसे नौकरी के बदले पैसे की मांग की जा रही है तो आपको समझ लेना चाहिए कि यह फेक जॉब ऑफर है। इसके साथ ही संदिग्ध साइट्स पर कभी भी अपने बैंकिंग डीटेल्स को शेयर ना करें। अगर आपको किसी कंपनी में नौकरी का ऑफर आता है तो आपको सबसे पहले उस कंपनी के रजिस्टर्ड लैंडलाइन नंबर पर फोन कर वेकन्सी के बारे में जानकारी लेनी चाहिए।
आमतौर पर इस प्रकार के ईमेल फ्री ईमेल सर्विस से आते हैं। अगर यह मेल किसी कंपनी का होगा तो वह उसके डोमेन से ही आएगा। इसके बाद आपको जॉब लेटर के फॉर्मेट खास ध्यान देना चाहिए। ऐसे ईमेल में गलत स्पेलिंग और कई स्पेलिंग मिस्टेक होती हैं। इसके साथ ही अगर आपको जॉब ऑफर में 70 से 80 प्रतिशत का इंक्रीमेंट मिल रहा है तो आपको अलर्ट हो जाना चाहिए। इस ऑफर पर विश्वास करने से पहले अपनी इंडस्ट्री के मार्केट ट्रेंड को जान लें। अगर आपको लगता है कि आपके एक्सपीरियंस के हिसाब से ये सैलरी काफी ज्यादा है तो आपको समझ लेना चाहिए कि यह जॉब ऑफर फेक है। ऐसे ऑफर को स्वीकार करने से पहले इस बात को जरूर सुनिश्चित कर लें कि आपको कंपनी के रजिस्टर्ड ऑफिस से संपर्क जरूर करना चाहिये।
गौरतलब है कि इसी साल जनवरी में जानी-मानी रिक्रूटमेंट फर्म विजडम जॉब्स के सीईओ अजय कोल्ला को उनके 13 कर्मचारियों के साथ गिरफ्तार किया गया था। वर्ष 2009 से काम कर रही इस कंपनी ने 1.04 लाख लोगों को भारत और विदेश में नौकरी देने का झांसा देकर करीब 70 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया था। ऐसा ही एक मामला सितंबर 2018 में दिल्ली में सामने आया, जहां दो करोड़ की ठगी के मामले में सात लोगों पकड़ा गया था। इन सभी ने नौकरी की तलाश कर रहे 20 लोगों से 2-2 लाख रुपये के बदले सरकारी कंपनी ओएनजीसी में नौकरी दिलाने का वादा किया था।

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