उत्तराखंड : मासूम समेत दो को निवाला बनाने वाला आदमखोर तेंदुआ ढेर

  • सबसे करीब से तेंदुए को देखने वाली मासूम की मां को आदमखोर की फोटो दिखाकर करवाई पुष्टि

अल्मोड़ा। जनपद के पेटशाल में मासूम समेत दो लोगों को अपना शिकार बनाकर आतंक फैलाने वाले आदमखोर का अंत हो गया है।
बृहस्पतिवार रात मचान पर बैठे दो शिकारियों ने तेंदुए के नजर आते ही उसके सिर पर निशाना साधा और एक ही वक्त पर दोनों ने गोली दागी और पलभर में आदमखोर ढेर कर दिया। उसके आदमखोर होने की पुष्टि के लिए रेंजर खुद तेंदुए की फोटो लेकर मृतक के घर पहुंची और उन्हें फोटो दिखाई। फोटो देखकर हेमा ने पुष्टि की कि यही वजह तेंदुए जो उसके ढाई साल के मासूम को गोद से उठा ले गया था। हालांकि क्षेत्र में और भी तेंदुए होने से अब भी लोगों में भय का माहौल है। पेटशाल और डुंगरी में आदमखोर तेंदुआ आतंक का पर्याय बना था।
पिछले हफ्ते सोमवार को डुंगरी गांव में ढाई वर्षीय हर्षित को मां की गोद से तेंदुआ उठा ले गया था। अगले ही दिन तेंदुए ने पेटशाल गांव की रहने वाली 75 वर्षीय मानसिक रूप से अस्वस्थ बुजुर्ग आनंदी का भी शिकार कर लिया। दो दिन के भीतर दो लोगों की मौत से आक्रोशित ग्रामीणों ने तेंदुए को आदमखोर घोषित करने की मांग की थी। जिस पर तेंदुए को मारने के लिए नैनीताल से शिकारी हरीश धामी, बिजनौर से सैफी आसिफ और मुरादाबाद से राजीव सोलोमन को बुलवाया गया।
तेंदुए को मारने के लिए बनाए गए मचान पर बीते गुरुवार को तीनों शूटर तैनात थे। करीब 7:35 में तेंदुआ दिखाई दिया। तेंदुआ देखते ही शिकारी पूरी तरह से चौकन्ने हो गए। इस दौरान शिकारियों ने तेंदुए को पहले सावधानीपूर्वक देखकर उसे पूर्व में सीसीटीवी में कैद आदमखोर तेंदुए के रूप में पहचाना। इसके बाद शिकारी सैफी आसिफ और राजीव सोलोमन ने सजगता के साथ पोजीशन ली। दोनों शूटरों ने एक साथ गोली चलाई और तेंदुए को ढेर कर दिया। हालांकि तेंदुए को मारने के बाद कुछ लोगों ने इसके आदमखोर होने पर सवाल उठाए।
इस पर विभाग ने तेंदुए को सबसे करीब से देखने वाली ढाई वर्षीय मासूम हर्षित की माता से भी तेंदुए की पहचान कराई। तेंदुए के मरते ही हर्षित की मां भी अपने बेटे को याद करके रो पड़ीं। हर्षित के पिता देवेंद्र सिंह ने बताया कि शाम को तेंदुए के मारे जाने के दौरान परिवार समेत घर पर ही थे। रेंजर संचिता वर्मा तेंदुए के ढेर होने के तुरंत बाद हर्षित के चाचा और अन्य ग्रामीणों के साथ घर आईं। रेंजर ने खुद ही मासूम की माता हेमा को फोन पर तेंदुए की फोटो दिखाई। फोटो देखकर हेमा ने इसी तेंदुए के आदमखोर होने की पुष्टि की।
वन विभाग ने अन्य तेंदुओं को भी पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए हुए हैं। उन्हें भी शीघ्र पकड़ने का आश्वासन दिया है। वन क्षेत्राधिकारी संचिता वर्मा ने बताया कि आदमखोर तेंदुआ लगभग नौ वर्ष का मादा है। पूंछ समेत उसकी कुल लंबाई छह फीट दस इंच और ऊंचाई दो फीट पांच इंच है। उन्होंने बताया कि तेंदुए का एक दांत, पंजे का एक नाखून टूटा हुआ था। जबकि अन्य नाखून भी घिसे हुए हैं।
तेंदुए को मारने के लिए शिकारी सैफी आसिफ और हरीश धामी पिछले बुधवार की रात 11:30 बजे पेटशाल पहुंचे और उसी रात घटनास्थल पर पहुंच गए। इस दौरान शिकारियों ने विभाग की टीम के साथ जंगल को भांपने की कोशिश की। अगले दिन शिकार की तलाश में वह जंगल में बने मचान में चढ़कर बैठ गए पर तेंदुआ नजर नहीं आया। शिकारी राजीव सोलोमन ने बताया कि रात 10:30 बजे मादा तेंदुआ पहली बार नजर आई। वह इतनी शातिर थी कि जरा सी हलचल होते ही वह जंगलों में ओझल हो गई। बृहस्पतिवार रात जब फिर तेंदुआ नजर आया तो शिकारियों ने बिना मौका गंवाए आदमखोर को ढेर कर दिया। 

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