एक माह में नेटवर्क कनेक्टिविटी से जुड़ेंगे सभी राजकीय विवि और कॉलेज : डाॅ. धन सिंह रावत

बैठक में बोले उच्च शिक्षा मंत्री

  • उच्च शिक्षण संस्थानों को उच्च कोटि के नेटवर्क कनेक्टिविटी से जोड़ना सरकार की प्राथमिकता में
  • उत्तराखंड के सभी राजकीय विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में लगाये जाएंगे सोलर प्लांट  

देहरादून। उच्च शिक्षा, सहकारिता, दुग्ध विकास एवं प्रोटोकाॅल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ. धन सिंह रावत ने आज शुक्रवार को उच्च शिक्षा, उरेडा, एनआईसी और सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। जिसमें सभी राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में रेस्को माॅडल के अंतर्गत सोलर प्लांट लगाये जाने एवं महाविद्यालयों को उच्च कोटि के नेट कनेक्टिविटी से जोड़े जाने का निर्णय लिया गया।  
बैठक में डाॅ. रावत ने कहा कि पूरे देश में कोविड-19 की परिस्थितियों को देखते हुए विशेष कर राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों को उच्च कोटि के नेटवर्क कनेक्टिविटी से जोड़ना सरकार की प्राथमिकता में है। जिसके चलते यह निर्णय लिया गया है कि राज्य के सभी राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को एक माह के भीतर उच्च कोटि के नेटवर्क कनेक्टिविटी से जोड़ा जायेगा। ताकि उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र-छात्राओं को आनलाइन शिक्षण एवं परीक्षा लेने में किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े।
उन्होंने बताया कि इसके लिए राज्य के सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत आईटीडीए को कार्यदायी संस्था बनाया गया है। जिसके लिए धनराशि उच्च शिक्षा विभाग एवं संबंधित विश्वविद्यालय उपलब्ध करायेंगे। डाॅ. रावत ने कहा कि सरकार ने राज्य के समस्त विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में केंद्र सरकार द्वारा संचालित रेस्को माॅडल के तहत सोलर प्लांट स्थापित करने का भी निर्णय लिया है। इस योजना से जहां एक ओर विभागों का विद्युत व्यय भार घट कर एक चैथाई रह जायेगा वहीं राज्य में अक्षय ऊर्जा के उत्पादन में वृद्धि होगी।
बैठक में केंद्र सरकार द्वारा संचालित रेस्को माॅडल के अंतर्गत सरकारी विभागों एवं संस्थानों में सोलर प्लांट की स्थापना किये जाने के संबंध में चर्चा हुई। जिसमें सभी राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं उच्च शिक्षा विभाग की निदेशक व अधिकारियों ने अपने संस्थानों में उक्त योजना के अंतर्गत सोलर प्लांट स्थापित किये जाने पर अपनी सहमति दी। जिस पर डाॅ. धन सिंह रावत ने कहा कि सभी राजकीय विश्वविद्यालय व उच्च शिक्षा विभाग अपने संस्थानों में सोलर प्लांट स्थापित करने के लिए एक-एक नोडल अधिकारी को नामित करेगा जो राज्य में यूपीसीएल एवं उरेड़ा विभाग के मुख्य परियोजना प्रबंधक से समन्वय कर आवेदन करेगा।
बैठक में योजना की जानकारी देते हुए उरेड़ा के मुख्य परियोजना प्रबंधक एके त्यागी ने बताया कि इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार के उपक्रम सोलर एनर्जी कार्पोरेशन लि. के द्वारा इस क्षेत्र में कार्य कर रही नामी कंपनियों को चयनित किया गया है। जो उरेड़ा विभाग से समन्वय कर प्रदेश में रेस्को माॅडल आधारित सोलर पावर प्लांट को स्थापित कर रही है। इसी क्रम में राज्य सरकारी विश्वविद्यालयों, उच्च शिक्षा निदेशालय एवं महाविद्यालयों में सोलर पावर प्लांट की स्थापना चयनित कंपनियों के द्वारा अपने खर्चे पर किया जायेगा। साथ ही 25 वर्षों तक उक्त प्लांट की देखरेख की जिम्मेदारी संबंधित फर्म की होगी। इसके लिए संबंधित संस्थान/विभागों को चयनित फर्म को अपने परिसर में भवनों की छत/खुला स्थान प्लांट लगाने के लिए उपलब्ध करना होगा। साथ ही विभाग/संस्थान को विद्युत खपत के अनुसार प्रति यूनिट मात्र रूपये 1.89 का भुगतान संबंधित फर्म को करना होगा। यदि सोलर प्लांट से खपत से अधिक विद्युत का उत्पादन होता है तो अतिरिक्त बिजली को इसी दर पर सरकार क्रय करेगी। इससे जहां एक ओर सरकारी संस्थानों/ विभागों में विद्युत व्यय पर आने वाला वार्षिक खर्चा एक चौथाई हो जायेगा। वहीं राज्य में अक्षय ऊर्जा उत्पादन में भी वृद्धि होगी।
बैठक में उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा उन्नयन समिति डाॅ. बीएस बिष्ट, दीप्ति रावत, रूसा सलाहकार प्रो. एसएमएस रावत, डाॅ. केडी पुरोहित, कुलपति उत्तराखंड मुक्त विवि प्रो. ओपीएस नेगी, कुलपति दून विवि/भरसार विवि डाॅ. एके कर्नाटक, कुलपति श्रीदेव सुमन विवि डाॅ. पीपी ध्यानी, कुलपति कुमाऊं विवि डाॅ. एनके जोशी, निदेशक आईटीडीए अमित कुमार सिन्हा, अपर सचिव उच्च शिक्षा अहमद इकबाल, अपर सचिव आईटी विजय यादव, निदेशक उच्च शिक्षा डाॅ. कुमकुम रौतेला, टेक्नीकल डायरेक्टर एनआईसी मनोज जोशी, एसके शर्मा, संयुक्त सचिव एमएम सेमवाल, सीपीओ उरेडा एके त्यागी, कुलसचिव सुधीर बुडाकोटी, मंगल सिंह मद्रवाल, डाॅ. एएस उनियाल आदि अधिकारी मौजूद रहे। 

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