हरदा की राह में इंदिरा का रोड़ा

कौन कितने पानी में

  • कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में नैनीताल से चुनाव लड़ने की हरीश रावत की इच्छा पर नेता प्रतिपक्ष ने लगाया अड़ंगा
  • नई दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल के आवास पर बैठक में दोनों के मतभेद आये सामने

“मेरी नफासत तो देखिये, मैं बासी गम नहीं खाता
रोज नई मुसीबत मेरा इंतजार करती है”
यह शेर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर पूर्ण रूप से चरितार्थ होता दिख रहा है। कभी किसी बात को लेकर तो कभी किसी बात को लेकर कोई न कोई समस्या उनके सामने खड़ी ही रहती है। राज्य बनने के बाद कांग्रेस की पहली सरकार में उनके मुख्यमंत्री बनने की उम्मीदों पर नारायण दत्त तिवारी ने पानी फेर दिया था। उनके लंबे सियासी सफर में ऐसे वाकयों की लिस्ट काफी लंबी है। अब देखिये कि कांग्रेस के इस वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव की मंशा अब हरिद्वार के बजाय नैनीताल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की है, लेकिन उनकी राह में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश रोड़ा बनती दिख रही हैं। 
यह तस्वीर मंगलवार को नई दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल के आवास पर बैठक में उभर कर सामने आई। कांग्रेस चुनाव समिति की इस बैठक में प्रत्याशी चयन प्रक्रिया में शामिल होने के लिये हरीश को खास तौर पर आमंत्रित किया गया था। सूत्रों के अनुसार जब रावत ने हरिद्वार के बजाय नैनीताल सीट से चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा जाहिर की तो इंदिरा हृदयेश ने दो टूक कहा कि पर्यवेक्षक ने अपनी रिपोर्ट में हरीश रावत को हरिद्वार सीट के लिये सबसे मजबूत उम्मीदवार बताया है और पूर्व सांसद महेंद्र सिंह पाल का नाम नैनीताल सीट के लिये सबसे उपयुक्त बताया है। अगर अब इसमें उलटफेर किया जाता है तो पब्लिक के बीच एक गलत संदेश जाएगा और इसका असर चुनाव के दौरान भी दिखाई देगा।
बताया जा रहा है कि इंदिरा ने मजबूती से महेंद्र सिंह पाल के पक्ष में सिलसिलेवार तर्क रखे। वेणुगोपाल ने दोनों वरिष्ठ नेताओं के बीच सहमति बनाने के प्रयास किये, लेकिन दोनों अपनी—अपनी बात पर अड़े रहे। इसके बाद चयन समिति ने हरीश के टिकट का फैसला आलाकमान पर छोड़ दिया।

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