अय्याशी का अड्डा चलाते थे दुष्कर्मी मामा-भांजे!

  • मासूम से रेप और हत्या से आहत पूरी कॉलोनी में तीन दिन से छाया है मातम
  • बच्ची की मां बेसुध और भाई गुमसुम, पिता की भी नहीं टूट रही खामोशी 

हरिद्वार। यहां नगर कोतवाली क्षेत्र में दरिंदगी की घटना के बाद से हर कोई गमजदा है। रेप और हत्या का शिकार हुई मासूम का परिवार और मोहल्ला ही नहीं पूरी कॉलोनी के लोगों की आंखों में आंसू हैं। उधर आरोपी रामतीरथ यादव के पुलिस को दिए बयान के मुताबिक दरिंदगी उसने अकेले की है। आरोपी के बयान से कालोनी के लोग और मासूम के परिवार वाले यकीन करने को तैयार नहीं हैं।
मोहल्ले के लोगों का कहना है कि राजीव दरिंदगी में शामिल नहीं था तो भागा क्यों। राजीव ने अपने भांजे को बचाने के लिए पुलिस और कालोनी के लोगों को गुमराह किया। दोनों रात के अंधेरे में शव को ठिकाना लगाने चाहते थे। मासूम के परिजनों और कालोनी के लोगों ने आशंका जताई है कि घटना को दो से अधिक लोगों ने अंजाम दिया है। इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। 
मासूम के साथ जिस मकान में दरिंदगी हुई, मोहल्ले वालों ने पहली बार उसके अंदर कदम रखा। अंदर ऐशोआराम की सुविधाएं देख मोहल्ले वाले दंग रह गए।दो दशक में फर्श से अर्श तक पहुंचा राजीव कुमार पेशे से प्रॉपर्टी डीलर और कपड़े का बड़ा व्यापारी है। मोहल्ले में उसके दो मकान हैं। घटना स्थल वाला मकान करीब 15 साल पहले खरीदा है, जबकि दूसरा मकान दो साल पहले ही लिया है। राजीव का मोहल्ले में किसी से मेलजोल नहीं है। इसलिए मोहल्ले के लोगों का उसके घर आना जाना नहीं था। वह अक्सर अपने घर में आता था और चला जाता था। भांजा रामतीरथ यादव केयरटेकर के रूप में वहां रहता था। मोहल्ले के लोग यही समझते थे कि रामतीरथ नौकर है। मोहल्ले के लोगों को घटना के दिन ही पता चला वह राजीव का भांजा है।
शनिवार को ही मासूम के गायब होने पर तलाशी लेने मोहल्ले के लोग और मासूम के परिजन राजीव के घर के अंदर गए। तीन मंजिला मकान बाहर से बदरंग है। सालों से रंगाई पुताई तक नहीं है। लेकिन घर के अंदर ऐशोआराम की हर सुविधा है। हर कमरे में आलीशान बेड और सोफे लगे हैं। शराब की बोतलें और जरूरत का हर सामान है। मोहल्ले के लोगों का यह भी आरोप है कि उसका घर अय्याशी का अड्डा बना हुआ था। रात को गाड़ियां आती थीं और सुबह उजाले से पहले चली जाती थीं। 
उधर मासूम की मां बीते 72 घंटे से बेसुध है तो पिता की खामोशी नहीं टूट पा रही है। छोटा भाई भी गुमसुम है। घर पर सांत्वना देने वालों की लंबी लाइन लगी है। किसी को समझ में नहीं आ रहा कि वह परिवार के लोगों को कैसे ढांढस बंधवाएं। धर्मनगरी की इस कॉलोनी के लोगों के चेहरे पर दरिंदगी को लेकर गुस्सा और बेटी को खोने का गम साफ दिखाई दे रहा है। तीसरे दिन भी मोहल्ले के लोग शोक से नहीं उबर पाए हैं। अपहरण, दुष्कर्म और हत्या के आरोपी मामा-भांजे को हर कोई फांसी की सजा की मांग कर रहा है। पुलिस की भूमिका को लेकर भी लोग खुश नहीं हैं। लोगों में इतना गुस्सा है कि आरोपी के घर के आसपास का क्षेत्र पुलिस छावनी बना हुआ है। पुलिस को आशंका है कि लोगों का गुस्सा कभी भी भड़क सकता है। इसलिए जिलेभर की अलग-अलग थानों की फोर्स की तैनाती के साथ पीएसी को रिजर्व में रखा गया है। मासूम के साथ खेलने वाले बच्चे भी दहशत में हैं। घरों से बाहर निकलने से खौफ खा रहे हैं।
कालोनी के लोगों का कहना है कि बार-बार उसका चेहरा सामने आ रहा है। मां इतनी बेसुध है कि लोग ही उनके मुंह में पानी डाल रहे हैं। पिता लड़खड़ाती जुबान से बोलने भर की ताकत नहीं है। भाई कभी घर के इस कोने तो कभी दूसरे कोने पर बैठ जाता है। उसे इस बात का मलाल है यदि वह ट्यूशन नहीं जाता तो बहन उसके साथ छत पर ही पतंग उड़ा रही होती और यह हादसा नहीं होता। 

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