…आखिर फिर क्यों ‘हनक’ दिखाने पर उतरे हरक!

  • अपने चिरपरिचित अंदाज में दहाड़े वन मंत्री- मैं बहुत जिद्दी हूं, विधायक-मंत्री रहूं या न रहूं, कोटद्वार में बनवाकर रहेंगे मेडिकल कॉलेज और अस्पताल

देहरादून। बड़े बेआबरू होकर कर्मकार बोर्ड से हटाये जाने और अब कोटद्वार में ईएसआई अस्पताल के लिए जारी हुए 20 करोड़ ऋण में से 18 करोड़ रुपये वापस आने के बाद कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत एक बार फिर अपने चिरपरिचित अंदाज में दिखे। उन्होंने अपनी उसी हनक में में कहा… ‘मैं बहुत जिद्दी हूं। मंत्री, विधायक रहूं या न रहूं, कोटद्वार और आसपास की जनता के लिए कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज व अस्पताल का निर्माण होकर रहेगा। फिर चाहे इसके लिए मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, वित्त मंत्री या रक्षा मंत्री से बात करनी पड़े।’
हरक बोले, हो सकता है कि थोड़ा नियम के तहत पैसा जारी न हुआ हो। हालांकि वह मानते हैं कि कर्मकार बोर्ड का पैसा ऐसे सार्वजनिक काम में उपयोग नहीं लाना चाहिए था, लेकिन 100 करोड़ के करीब वित्त विभाग को भी कर्मकार बोर्ड को लौटाना है। बोर्ड और ईएसआई एक ही श्रम विभाग के अंतर्गत आते हैं। कोटद्वार में मजदूरों के लिए अस्पताल बन रहा है। सरकारी संस्था बना रही है। नियमों के तहत अस्पताल स्वीकृत हुआ है। मेरे चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी जनता से अस्पताल का वादा किया था तो हम अपने राष्ट्रीय नेता की बात कैसे टाल सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इस अस्पताल से पूरे पौड़ी जिले और आधे बिजनौर की जनता को लाभ मिल रहा है तो क्या अपराध की बात है। उन्होंने जनता से जो वायदे किए हैं, उन्हें पूरा करेंगे, हर स्तर से पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से इस बाबत बात करेंगे। जरूरत पड़ी तो खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से भी बात करेंगे। सरकार का नियम है कि एक जिले में एक ही मेडिकल कॉलेज हो सकता है, लेकिन श्रीनगर का जो मेडिकल कॉलेज है, उससे रुद्रप्रयाग, चमोली और टिहरी की जनता को ज्यादा फायदा है। पूरे पौड़ी जिले को इसका लाभ नहीं मिलता। कोटद्वार के मेडिकल कॉलेज से जरूर लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा कि वह खुद प्रधानमंत्री, केंद्रीय वित्त मंत्री से बात करेंगे। क्षेत्र के सांसद तीरथ सिंह रावत भी अपने स्तर से अस्पताल का वायदा पूरा करेंगे। यह मुख्यमंत्री की जन्मभूमि है। डॉ. धन सिंह रावत और सतपाल महाराज के क्षेत्र के लोग भी इसके अंतर्गत आते हैं। इसलिए यह महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी बात करेंगे ताकि लैंसडोन से जुड़े पूर्व सैनिक और उनके आश्रितों को कोटद्वार में आसानी से बेहतर इलाज मिल सके। वह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी इस बाबत वार्ता करेंगे ताकि गढ़वाल राइफल्स के जवानों और उनके परिवारों को बेहतर इलाज मिल सके।
उधर उत्तराखंड भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के लिए अब नई मुश्किल खड़ी हो गई है। जिस भवन में यह दफ्तर चल रहा है, उसकी मालकिन लक्ष्मी राणा ने अब इसे यथाशीघ्र खाली करने का नोटिस जारी कर दिया है। उनका कहना है कि पांच महीने से किराया नहीं दिया गया है। दरअसल बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष डॉ. हरक सिंह रावत ने डीएम की जांच रिपोर्ट के आधार पर नेहरू कॉलोनी स्थित इमारत में 65 हजार रुपये प्रतिमाह किराये पर दफ्तर लिया था। बोर्ड भंग होने के बाद नया बोर्ड बना। इसके बाद कई विवाद पैदा हुए। कर्मकार बोर्ड का एजी ऑडिट भी शुरू हुआ।
लक्ष्मी राणा ने बताया कि डीएम की रिपोर्ट के आधार पर कर्मकार बोर्ड को हर महीने 65 हजार रुपये किराया अदा करना है। पिछले पांच महीने से उन्हें किराया नहीं मिला है। बोर्ड के दफ्तर में इस्तेमाल होने वाली बिजली का बिल भी वह खुद ही भर रही है। उसका भुगतान भी बोर्ड की ओर से नहीं किया गया है। लिहाजा उन्होंने कर्मकार बोर्ड को नोटिस जारी किया है। जिसमें उन्होंने पूरा किराया भुगतान करते हुए यथाशीघ्र भवन को खाली करने को कहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here