गढ़वाल क्षेत्र में अब बिजली से चलेंगी सभी ट्रेनें

  • रेलवे लाइनों का विद्युतीकरण हुआ पूरा
  • कोटद्वार से दिल्ली और देहरादून के लिए नयी रेलगाड़ी
  • हरिद्वार से ऋषिकेश तक हो जायेगा कई ट्रेनों का संचालन

देहरादून। रेल सेवाओं के लिए लंबे समय से प्रतीक्षारत इस पहाड़ी प्रदेश में नई उम्मीदें जगी हैं। पिछले दो वर्षों में उत्तराखंड की विभिन्न रेल परियोजनाओं को लेकर डबल इंजन की त्रिवेंद्र रावत सरकार ने केंद्र से रेलवे की परियोजनाओं को लेकर कई ऐसे काम करा पूरे दिए जो सालों से लंबित चल रहे थे।
कोटद्वार से नजीबाबाद और रायवाला से ऋषिकेश का विद्युतीकरण भी पूर्ण हो गया है। जिससे गढ़वाल क्षेत्र में सभी रेलवे लाइनों का विद्युतीकरण कार्य भी पूरा हो गया है। जिससे कोटद्वार से दिल्ली और देहरादून के लिए नयी रेलगाड़ी तथा हरिद्वार से कई ट्रेनों का संचालन ऋषिकेश तक हो जायेगा।
प्रदेश में केवल छह जिले ही रेल मार्ग से जुड़े हैं। इनमें देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, उधमसिंहनगर, नैनीताल और चम्पावत हैं। राज्य में कुल रेलवे लाइनों की लम्बाई 344 किमी है और 41 रेलवे स्टेशन हैं। इनमें देहरादून, ऋषिकेश, कोटद्वार, रामनगर, काठगोदाम और टनकपुर रेल लाइनों के अंतिम स्टेशन हैं। सभी रेलवे स्टेशनों पर फुट ओवर ब्रिज और नए प्लेटफार्मों का निर्माण किया गया है और साथ ही प्रमुख रेलवे स्टेशनों का सौंदर्यीकरण और लिफ्ट एस्कलेटर जैसी नयी सुविधाएँ यात्रियों के लिए बनाई गयी है। देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, रुद्रपुर और काठगोदाम रेलवे स्टेशनों पर डिजिटल इंडिया के तहत यात्रिओं के लिए फ्री वाईफाई की सुविधा भी उपलब्ध कराई गयी है।
रेलवे नेटवर्क में सभी मानवरहित रेलवे क्रासिंग समाप्त हो गयी हैं। लक्सर से हरिद्वार और देहरादून तक रेल लाइन का विद्युतीकरण तो वर्ष 2017-18 में पूर्ण कर लिया गया था। वर्ष 2019-20 के दौरान मुरादाबाद से काशीपुर—रामनगर और रामपुर से लालकुआं—काठगोदाम रेल मार्ग का भी विद्युतीकरण किया जायेगा। जिससे रामनगर—काठगोदाम से भी नयी रेलगाड़ियां शुरू हो पाएंगी। वर्ष 2018-19 में ही टनकपुर से खटीमा और पीलीभीत तक की रेल लाइन का आमान परिवर्तन पूर्ण हुआ है और इस पर अब रेलगाड़ियों का संचालन शुरू हो गया है।
इसके साथ ही 16,216 करोड़ रुपए की लागत से 125 किलोमीटर की ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन का निर्माण कार्य शुरू हो गया है जो 2024 तक पूर्ण हो जायेगा। टनकपुर से बागेश्वर होते हुए कर्णप्रयाग तक की रेलवे लाइन का कार्य भी अगले वर्ष शुरू हो जायेगा। रुड़की से देवबंद की नयी रेल लाइन का निर्माण शुरू होने वाला है और इसके बनने से देहरादून से दिल्ली सिर्फ चार घंटे में यात्रा पूर्ण हो जाएगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत कई बार रेल मंत्री से मिलकर उत्तराखण्ड में रेलवे की सभी संभावित योजनाओं को जल्द धरातल पे उतारने के लिए बातचीत कर चुके हैं। इस काम में सांसद भगत सिंह कोश्यारी, केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा, रमेश पोखरियाल निशंक, अनिल बलूनी के साथ—साथ रेलवे बोर्ड के पूर्व चेयरमैन अश्विनी लोहानी का प्रयास भी रंग लाया।

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