आठवें दौर की वार्ता में मोदी सरकार और किसानों में नहीं बनी बात!

  • कृषि कानूनों की वापसी पर अड़े किसान, कहा- कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं होगी

नई दिल्ली। आज सोमवार को मोदी सरकार की तरफ से मीटिंग में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने 2 मिनट का मौन रखकर आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि दी।
आज सोमवार को केंद्र और किसानों के बीच 8वें दौर की बातचीत में भी कोई नतीजा नहीं निकल पाया। विज्ञान भवन में करीब 4 घंटे चली बैठक के बाद किसानों ने कहा कि हमने केंद्र के सामने कृषि कानूनों की वापसी की ही बात रखी। बैठक के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा- कानून वापसी नहीं तो घर वापसी भी नहीं।
सोमवार की मीटिंग में एमएसपी को कानूनी रूप देने के मुद्दे पर भी किसानों और केंद्र में सहमति नहीं बन पाई। हालांकि सरकार और किसान 8 जनवरी को दोबारा बातचीत करने पर राजी हो गए है। मीटिंग के बाद राकेश टिकैत ने कहा, ‘8 जनवरी की बातचीत में भी हमारा मुद्दा एमएसपी को कानूनी मान्यता और कानूनों की वापसी ही रहेगा।’
किसानों ने फिर ठुकराया सरकारी खाना : आज सोमवार की मीटिंग के दौरान लंच में सरकार ने किसानों के लिए खाने की व्यवस्था की थी। लेकिन, किसानों ने सरकार का खाना खाने से इनकार कर दिया। उन्होंने अपने लंगर का खाना ही खाया। किसानों की बैठक के दौरान करीब 200 लोगों का खाना लंगर से विज्ञान भवन पहुंचाया गया था। पिछली मीटिंग में भी किसानों ने लंगर का खाना ही खाया था। उस समय केंद्रीय मंत्रियों ने भी किसानों के साथ ही लंच किया था।
किसानों ने पिछली बैठक में सरकार का खाना नहीं खाया था। तब केंद्रीय मंत्रियों ने उनके साथ लंच किया था। इस बार भी किसानों के लिए लंगर से ही खाना लाया गया। मीटिंग में आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के लिए 2 मिनट का मौन रखा गया। 30 दिसंबर की मीटिंग में 2 मुद्दों पर सहमति बनी थी
1. पराली जलाने पर केस दर्ज नहीं होंगे: अभी 1.करोड़ रुपए जुर्माना और 5 साल की कैद का प्रोविजन है। सरकार इसे हटाने को राजी हुई।
2. बिजली अधिनियम में बदलाव नहीं: किसानों को आशंका है कि इस कानून से बिजली सब्सिडी बंद होगी। अब यह कानून नहीं बनेगा। 2 मुद्दों पर सहमति बनने के बाद किसानों के रुख में नरमी दिखी और उन्होंने 31 दिसंबर को होने वाली ट्रैक्टर रैली को टाल दिया था।

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