खुशखबरी
- अब प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर किया जाएगा छात्रों का मूल्यांकन
- केंद्रीय विद्यालय संगठन ने सभी स्कूलों के लिए जारी किए निर्देश
- एनआईओएस : फेल छात्र ओपन बोर्ड में 31 जुलाई तक मिलेगा प्रवेश
देहरादून। इस बार केंद्रीय विद्यालयों में 9वीं और 11वीं में पढ़ने वाले जो छात्र फेल हो गए हैं, उन्हें दोबारा परीक्षा देने की जरूरत नहीं है। केंद्रीय विद्यालय संगठन ने ऐसे छात्रों को प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर अगली कक्षा में प्रमोट करने का फैसला लिया है। इस बारे में सभी केंद्रीय विद्यालयों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
केंद्रीय विद्यालय संगठन देहरादून के उपायुक्त विनोद कुमार ने बताया कि केविएस ने कोरोना संक्रमण के चलते ये निर्देश जारी किए हैं। अभी तक के नियमों के हिसाब से 9वीं, 11वीं में अधिकतम दो विषयों में फेल होने वाले छात्रों को अगली कक्षा में जाने के लिए सप्लीमेंट्री परीक्षा देनी होती है। सप्लीमेंट्री में पास होने पर ही अगली कक्षा में प्रमोट किया जाता है, लेकिन इस बार ये परीक्षा नहीं ली जाएगी। संगठन ने कोरोना महामारी के मद्देनजर ये फैसला सिर्फ इस साल के लिए लिया है।
केविएस की ओर से जारी पत्र के मुताबिक, अगर कोई छात्र इन दो कक्षाओं में सभी पांच विषयों में भी फेल होता है तो उसे उसके स्कूल द्वारा प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर जांचा जाएगा और अंक दिए जाएंगे। फिर उसी अंक के आधार पर उस छात्र को अगली कक्षा में प्रमोट भी किया जाएगा।
उधर विभिन्न बोर्ड परीक्षाओं में फेल छात्र राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) में 31 जुलाई तक दाखिला ले सकते हैं। एनआईओएस ने स्ट्रीम-2 के दाखिलों की तिथि बढ़ा दी है। इस बाबत एनआईओएस देहरादून के क्षेत्रीय निदेशक एसके तंवर ने बताया कि ऐसे छात्र जो सीबीएसई, आईसीएसई या उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षाओं में फेल हो जाएंगे, वे एनआईओएस से परीक्षा देकर इसी साल पास हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि इसकी परीक्षा का परिणाम दिसंबर तक घोषित कर दिया जाता है। खास बात यह है कि वह छात्र अपने जिस मूल बोर्ड की परीक्षा में फेल होता है, उसके दो विषयों के अंक यथावत जोड़ दिए जाते हैं। केवल तीन विषयों की परीक्षा देनी होती है। एनआईओएस से परीक्षा देने के बाद छात्र जेईई, नीट जैसी सभी परीक्षाएं दे सकता है।