जाने अपनी एक वोट की कीमत!

देहरादून। वर्ष 2008 में राजस्थान की नाथद्वारा सीट से सीपी जोशी मात्र एक वोट से चुनाव हार गये थे। मजे़ की बात यह है कि उनके ड्राइवर को वोट डालने का समय नहीं मिला और वह पराजित हो गये।
वर्ष 1776 में अमेरिका में एक वोट ज्यादा मिलने से जर्मन भाषा के स्थान पर अंग्रेज़ी राजभाषा बनी। वर्ष 1923 में एक वोट ज्यादा मिलने से हिटलर नाजी़ पार्टी का प्रमुख बना और हिटलर युग की शुरुआत हुई । वर्ष 1875 में फ्रांस में मात्र एक वोट से राजतंत्र के स्थान पर गणतंत्र आया। वर्ष 1917 में सरदार पटेल अहमदाबाद म्यूनिसिपल कारपोरेशन का चुनाव मात्र एक वोट से हार गये थे और वर्ष 1998 में वाजपेयी सरकार मात्र एक वोट से गिर गयी थी।

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