तीन दिन दिल्ली जाने से करें परहेज!

मौसम की मार 

  • आज से अगले तीन दिन तक चलेगी धूल भरी आंधी,जिससे और खराब होंगे हालात
  • राजधानी दिल्ली में बढ़ती गर्मी के साथ प्रदूषण का होगा हमला, मास्क होंगे फेल  
  • दिल्ली में 11 जगहों पर प्रदूषण अभी से बेहद खराब स्थिति में पहुंचा

शनिवार को राजधानी दिल्ली में धूल भरी आंधी भी चलने का अनुमान है। हिमालय में बने वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से उत्तरी भारत के कई हिस्सों में यह आंधी रहेगी। आंधी के बाद प्रदूषण इतना बढ़ जाएगा कि मास्क भी राहत नहीं देंगे
प्रचंड गर्मी के साथ ही दिल्ली वालों पर प्रदूषण का अटैक भी शुरू हो गया है।
शुक्रवार से हवा खराब होना शुरू हो गई और आठ अप्रैल तक स्थिति लगातार बिगड़ती रहेगी। अगले तीन दिन तक दिल्ली वालों को धूल भरी तेज आंधी झेलनी पड़ेगी। आंधी की स्पीड 30 से 50 किमी प्रति घंटे की रहेगी। बीता शुक्रवार इस सीजन का सबसे गर्म दिन साबित हुआ। अधिकतम तापमान 39.3 डिग्री पहुंच गया। 
धूल की वजह से हवा में पीएम 10 और पीएम 2.5 का स्तर बढ़ने की आशंका जताई गई हैं। इस बार इन छोटे कणों से मास्क भी नहीं बचा पाएंगे। इसके साथ ही शनिवार को आंधी की भी जताई गई है। हवाओं की रफ्तार शुक्रवार से ही बढ़ने लगी है। इसके साथ ही धूल भी बढ़ रही है, जिसे से हवा में पीएम 10 और पीएम 2.5 का स्तर लगातार बढ़ रहा है। आंधी आठ अप्रैल तक चलेगी, जिससे आने वाले समय में हालात और अधिक खराब होंगे। दिल्ली में 11 से अधिक जगहों पर प्रदूषण अभी से बेहद खराब स्थिति में पहुंच गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार दिल्ली के सबसे प्रदूषित क्षेत्र में इस समय नॉर्थ कैंपस है, जहां एयर इंडेक्स शुक्रवार शाम 6 बजे 346 रहा। आनंद विहार में 328, बवाना में 325, बुराड़ी में 300, इहबास में 323, जहांगीरपुर में 301, मुंडका में 341, नरेला में 332, शादीपुर में 306, सीरीफोर्ट में 334, वजीरपुर में 312 रहा।
अब आंधी की वजह से शनिवार से तापमान में कुछ कमी आएगी । राजधानी के सबसे गर्म क्षेत्रों में पालम में तापमान 40.8 डिग्री, लोदी रोड में 39.6 डिग्री, आया नगर 39.7 डिग्री शामिल रहे। मौसम विभाग के अनुसार आज शाम के समय तेज आंधी आएगी। जिससे तापमान में कमी आएगी। हिमालय में बने वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से उत्तरी भारत के कई हिस्सों में यह आंधी रहेगी।
गर्मियों के इस प्रदूषण से आपको मास्क भी कोई राहत नहीं दिलवाएगा। इसका कारण यह है कि मास्क कणों को रोक लेता है, लेकिन इससे पसीना अधिक आता है और पसीने के साथ बहकर ये प्रदूषण कण मास्क के अंदर पहुंच जाते हैं। इस प्रदूषण से बचने के लिए मास्क की बजाय मुंह और नाक को किसी कपड़े से ढकना अधिक बेहतर होगा, लेकिन वह भी पीएम 2.5 को रोकने में सक्षम नहीं होता।

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