रोड नहीं तो वोट नहीं
- जोशीमठ के लांजी, पोखनी, ह्यूंणा और तिरोसी बूथों पर नहीं हुआ मतदान
- पिथौरागढ़ जिले के पांच मतदान केंद्रों वोटरों की राह तकती रही ईवीएम
- राज्यसभा सांसद आदर्श गांव में भी नाराज लोगों ने नहीं डाला एक भी वोट
- नई टिहरी में दिगोठी और घनसाली के लोदस में वोटरों ने किया चुनाव बहिष्कार
देहरादून। आजादी के बाद से ही सड़क मार्ग को तरस रहे पहाड़ में कई दुर्गम क्षेत्रों के परेशान मतदाताओं ने किसी भी प्रत्याशी के पक्ष में वोट नहीं डाले और चुनाव का पूर्ण रूप से बहिष्कार किया। हालांकि अफसरान उनकी चिरौरी और मिन्नतें करते रहे, लेकिन उनकी पीड़ा वोट पर भारी पड़ी। दशकों से धरना प्रदर्शन कर रहे उन लोगों की पीड़ा को किसी ने तवज्जो नहीं दी और अब उनकी आवाज बहुत दूर तक पहुंची है।
अधिकारियों की पुरजोर कोशिशों के बाद जोशीमठ ब्लाक के लांजी, पोखनी, ह्यूंणा तथा तिरोसी के ग्रामीण चुनाव बहिष्कार पर अडिग रहे। इस कारण पोलिंग पार्टियां मतदाताओं की राह ताकती रही किंतु कोई वोट देने नहीं आया। द्वींग में नायब तहसीलदार बल्लू लाल के नेतृत्व में पहुंची टीम ने अंतिम समय में मतदान कराया। ‘रोड नहीं तो वोट नहीं’ को लेकर ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार किया। मतदान के लिए कोई भी मतदाता नहीं पहुंचा। 253 वोटरों वाले इस मतदान केंद्र में दिन भर सन्नाटा पसरा रहा।
गौरतलब है कि पिछले तीन दशक से सड़क की मांग को लेकर ग्रामीण संघर्ष करते रहे किंतु सरकारें आती रहीं और जाती रहीं, लेकिन ग्रामीणों हर बार कोरे आश्वासनों का झुनझुना ही पकड़ाया गया। दशकों से पीड़ा झेल रहे ग्रामीणों का कहना है कि अब अगले पंचायत चुनाव का भी बहिष्कार किया जाएगा। द्वींग के ग्रामीणों को मनाने नायब तहसीलदार बल्लू लाल के नेतृत्व में गई टीम अंतिम दौर में ग्रामीणों को मतदान के लिए राजी करा पाई। नायब तहसीलदार ने बताया कि जो लोग मतदान केंद्र परिसर के भीतर पहुंचे उनका मतदान कराया गया। कुल 232 मतदाताओं वाले द्वींग पोलिंग बूथ पर मात्र 73 वोट पड़े।
पिथौरागढ़ में जिले में पांच बूथों पर आम मतदाताओं ने चुनाव का बहिष्कार किया। इन सभी जगहों पर लोग सड़क व स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं को लेकर मतदान बहिष्कार पर अड़े रहे। चुनाव बहिष्कार वाले इन बूथों में गंगोलीहाट विधानसभा क्षेत्र का बोयल, धारचूला विधानसभा क्षेत्र में मुनस्यारी ब्लॉक का रीजिमया, साईपोलो और गांधीनगर तथा डीडीहाट विधानसभा क्षेत्र का कांडाधार बूथ शामिल रहे। नई टिहरी में ग्राम पंचायत दिगोठी व घनसाली के लोदस गांव के ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया और एक भी ग्रामीण ने मतदान नहीं किया। परेशान लोगों का कहना था कि अगर उनके गांव के लिए सड़क नहीं तो वोट नहीं डालेंगे। प्रशासन ने ग्रामीणों को मनाने की कोशिश की लेकिन ग्रामीण नहीं माने। आठ बजे तक कोई नहीं आया तो दस बजे राजस्व उपनिरीक्षक रवीन्द्रनाथ गांव पहुंचे और ग्रामीणों को समझाया कि वे मतदान करें लेकिन किसी भी ग्रामीण ने मतदान करने को हामी नहीं भरी।
खास बात यह है कि दिगोठी गांव अभी तक सड़क से नहीं जुड़ा है। गांव में करीब ढाई सौ मतदाता हैं। घनसाली के गोनगढ़ पट्टी के लोदस गांव के ग्रामीणों ने वोट नहीं डाला। ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में पूर्व में सड़क स्वीकृत होने के बाद भी निर्माण कार्य आज तक शुरू नहीं हो पाया। नारायणबगड़ में पिंडर घाटी के कई बूथों पर चुनाव बहिष्कार के चलते नाम मात्र के वोट पड़े। मतदान केंद्र कफोली में मतदाता सूची से एक तथा ईडीसी के तीन वोट पड़े। बमियाला में ईडीसी के दो तथा गंडीक में ईडीसी के ही 2 वोट पड़े। जबकि कफोली में 322 मतदाता, बमियाला में 259 तथा गंडीक में 223 वोटरों ने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया। सड़क सुविधा से वंचित इन तीन ग्राम पंचायतों के लिए नलगांव से 12.5 किमी कंडवालगांव (नलगांव)- कफोली- बमियाला मोटर मार्ग निर्माण की स्वीकृति मिली थी किंतु सड़क का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। ऊखीमठ के पंचायत गौंडार में कुछ ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार के बाद भी मतदान किया तो फापंज गांव के सलामी तोक के नौ परिवारों ने मतदान नहीं किया।
अल्मोड़ा के रानीखेत विस के राजकीय इंटर कॉलेज चौनलिया के बूथ पर ग्राम करगीना, खनौली, भौनली एवं डुमना के ग्रामीणों ने रोड की मांग को लेकर चुनाव का बहिष्कार किया। भौनली के 210 मतदाताओं में से महज 14 ने मतदान में प्रतिभाग किया। लमगड़ा विकासखंड के नैनी जिफल्टा में बने बूथ में महज दो लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया। द्वाराहाट विधानसभा के बासुलिसेरा में केवल 11 तथा 31 ईडीसीएम मताधिकार का प्रयोग किया। जागेश्वर, द्वाराहाट एवं सल्ट के झिमार में कई बूथों पर मतदान बहिष्कार की खबर आई। प्रशासन को इसकी भनक लगते ही वोटरों समझा बुझा कर मामले को सुलझा दिया। धानाचूली के धारी तहसील के बबियाड़ ग्राम सभा के तोक बिरसिंगिया में ग्रामीणों ने रोड नहीं वोट नहीं नारे के साथ लोस चुनावों का बहिष्कार कर दिया है। बागेश्वर में वाछम गांव में मतदान के लिए टीम में तैनात अधिकारी मतदाताओं का इंतजार करते रहे मगर एक भी मतदाता बूथ में नहीं पहुंचा।