स्वरोजगार बढ़ाने और आत्मनिर्भर ‘उत्तराखंड’ का लक्ष्य : डाॅ. रावत

ठोस प्रयास

  • ‘राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना’ के संबंध में बैठक में बोले सहकारिता मंत्री
  • इस प्रोजेक्ट के लिये राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम ने मंजूर किये 3340 करोड़ रुपये इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत प्रदेशभर में किया जायेगा 10 सेक्टरों में कार्य
  • इन परियोजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं से मांगे सुझाव

देहरादून। सहकारिता, उच्च शिक्षा, दुग्ध विकास एवं प्रोटोकाॅल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आज शुक्रवार को विधानसभा के सभा कक्ष में ‘राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना’ के संबंध में बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें परियोजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों से सुझाव मांगे गये। सहकारिता मंत्री ने बताया कि यह परियोजना फंडिग से ज्यादा कांसेप्ट बेस है। इस परियोजना का मकसद राज्य में स्वरोजगार को बढ़ावा देकर लोगों आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू किये गये प्रोग्राम का बेहतर परिणाम आ रहे हैं।    
बैठक में परियोजना प्रबंधक व एमडी आनंद शुक्ला ने बताया कि परियोजना के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और सहकारिता मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत की पहल पर राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम द्वारा 3340 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत प्रदेश भर में 10 सेक्टरों में कार्य किया जायेगा। वर्तमान में 5 क्षेत्र में पाइलेट प्रोजेक्ट के तहत काम शुरू कर दिया गया है। जिसमें साइलेज उत्पादन, डमस्क रोज, सेब, अदरक, और लेमन ग्रास शामिल है। जिसके बेहत्तर परिणाम सामने आये हैं। इसके साथ ही दुग्ध उत्पादन, भेड़-बकरी पालन, मत्स्य पालन, कोल्ड चेन, फूड प्रोसेसिंग ई-मार्केटिंग, माॅर्डन बैंकिंग व सहकारी बैंक आदि योजना पर जल्द काम शुरू कर दिया जायेगा। इसके लिए विभिन्न क्षेत्र के स्वयंसेवी संस्थाओं के अनुभव और सुझाव भी लिये गये।
संयुक्त निदेशक डेयरी जयदीप अरोड़ा ने बताया कि इस परियोजना के अंतर्गत दुग्ध विकास विभाग 3 हजार दुग्ध उत्पादकों को 10 हजार गाय वितरित करेगा। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि इस प्रोग्राम के तहत किसानों को 3 और 5 गाय देने की योजना है। जो दुग्ध उत्पादकों को 25 फीसद अनुदान के तहत दी जायेगी। इसके अलावा प्रदेश भर में 500 मिल्क बूध भी खोले जायेंगे।
बैठक में परियोजना को धरातल पर उतारने और राज्य के लोगों को इसका अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने के लिए विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव साझा कर सुझाव दिये। बैठक में किसानों की आय को दोगुना करना, रिवर्स पलायन, बंजर भूमि का उपयोग, स्थानीय स्तर पर नर्सरी तैयार करना जैसे अनेक महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की गई। बैठक में अपर निबंधक परियोजना आनंद शुक्ला, संयुक्त निदेशक डेरी विकास जयदीप अरोड़ा, शैलेश पंवार, प्रबंधक हार्क, दिव्या रावत, निदेशक मशरूम उत्पादन संस्थान, विशाल सेठी, देवभूमि साइलेज, रतन सिंह असवाल, संयोजक पर्वतीय आजीविका उन्न्यन, शरद सुंद्रियाल सीईओ देव ऋषि सोसायटी, प्रेम चंद शर्मा, कृषि विशेषज्ञ, विपिन पैन्यूली सेब उत्पादन एवं विपणन, अनिल पसबोल, सुविधा संस्था सहित विभागीय अधिकारी और कई स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here