रुद्रप्रयाग : अगस्त्यमुनि ब्लॉक के तल्लानागपुर पट्टी के गांवों को मिला तोहफा!

बह रही विकास की बयार

  • रुद्रप्रयाग-चोपड़ा-सणगू-सारी मोटर मार्ग के भूस्खलन क्षेत्र का एलाइनमेंट बदलकर किया स्थायी ट्रीटमेंट
  • कई गांवों के लोगों को गौचर जाने के लिये अब 40 के बजाय मात्र तय करनी पड़ेगी 10 किमी की दूरी
  • ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के सुधारीकरण के बाद ऋषिकेश से रुद्रप्रयाग की दूरी नौ किमी हो जाएगी कम

रुद्रप्रयाग। जिले के अगस्त्यमुनि विकासखंड के तल्लानागपुर पट्टी के गांवों को जोड़ने वाले रुद्रप्रयाग-सणगू-सारी मोटर मार्ग के भूस्खलन जोन के हिस्से का वैज्ञानिक विधि से एलाइनमेंट बदलकर स्थायी ट्रीटमेंट कर दिया गया है। अब कोठगी, भटवाड़ी, मदोला, छिनका आदि गांवों की गौचर से दूरी भी बमुश्किल 10 से 12 किमी रह गई है। जबकि पूर्व में ग्रामीणों को रुद्रप्रयाग होते हुए करीब 40 किमी का सफर तय कर गौचर पहुंचना होता था। इसके साथ ही अब यह मार्ग ऑल वेदर रोड परियोजना के दौरान व अन्य विषम परिस्थितियों में ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे के बाईपास के रूप में भी इस्तेमाल हो सकेगा। 
पीएमजीएसवाई द्वारा 90 लाख रुपये में प्रभावित क्षेत्र के ट्रीटमेंट के लिए लगभग आधा किमी पहले सड़क का एलाइनमेंट बदलकर पांच सौ मीटर नई कटिंग की गई। इसके बाद, प्रभावित हिस्से पर वैज्ञानिक विधि से आरसीसी पुश्तों का निर्माण कर सड़क को दूसरे छोर पर मिलाया गया है, जिससे अब मार्ग से सारी गांव से गौचर तक संपर्क हो गया है।
मार्ग पर भूस्खलन जोन का ट्रीमटमेंट होने से इस मार्ग से अब कोठगी, भटवाड़ी, मदोला, छिनका आदि गांवों के ग्रामीणों को रुद्रप्रयाग होते हुए करीब 40 किमी का सफर तय कर गौचर नहीं पड़ेगा।  इस मार्ग को बाईपास के रूप में भी उपयोग किया जा सकेगा। पीएमजीएसवाई द्वारा 29 किमी मोटर मार्ग पर 1575.57 लाख में डामरीकरण कर हॉटमिक्स भी कर दिया गया है। वर्ष 2016 में रुद्रप्रयाग-सणगू-सारी मोटर मार्ग छिनका गांव तक ही संचालित हो रहा था। जिपं सदस्य सविता भंडारी, ज्येष्ठ प्रमुख सुभाष नेगी, ग्राम प्रधान रोशनी देवी, नागेंद्र सिंह नेगी, मनोज जग्गी आदि का कहना है कि मार्ग के दुरस्त होने से क्षेत्रीय गांवों का गौचर से सीधा संपर्क हो गया है। पीएमजीएसवाई रुद्रप्रयाग के सहायक अभियंता विजयपाल सिंह नेगी का कहना है कि रुद्रप्रयाग-चोपड़ा-सणगू-सारी मोटर मार्ग के भूस्खलन प्रभावित हिस्से का ट्रीटमेंट के साथ पूरे मार्ग को डामरीकरण कर हॉटमिक्स कर दिया गया है। अब मार्ग गौचर से कनेक्ट हो गया है। विषम हालात में इस मार्ग को बदरीनाथ हाईवे के बाईपास के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
उधर ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के सुधारीकरण काम पूरा होने के बाद ऋषिकेश से रुद्रप्रयाग की दूरी लगभग नौ किलोमीटर कम हो जाएगी। तीव्र ढलान और अंधे मोड़ खत्म होने वाहनों की रफ्तार में आने वाले गतिरोध नहीं मिलेंगे। हालांकि हाइवे को 40 किमी की रफ्तार के मुताबिक डिजाइन किया हुआ है। जिन स्थानों में सड़क बन चुकी है  वहां वाहनों की स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटा देखने को मिल रही है।
लोनिवि राष्ट्रीय राजमार्ग खंड श्रीनगर मुनिकीरेती ऋषिकेश से रुद्रप्रयाग के बीच 136.8 किमी पैच में चौड़ीकरण और सुधारीकरण काम करवा रही है। अब तक 70 प्रतिशत से ऊपर काम हो चुका है। तोताघाटी, देवप्रयाग, बगवान और रुद्रप्रयाग में चौड़ीकरण काम शेष रहा हुआ है। जिन स्थानों में काम हो गया है, वहां लोनिवि ने कटिंग या पुस्ता डालकर सड़क का एलाइनमेंट सुधारा है। कहीं चढ़ाई या ढलान खत्म कर दी गई है। इससे सड़क की लंबाई कम हो रही है। जिसका सीधा असर वाहनों की रफ्तार पर पड़ेगा।
लोनिवि राष्ट्रीय राजमार्ग श्रीनगर खंड के अधिशासी अभियंता दिनेश बिजल्वाण ने बताया कि मोड़ कम होने और पुलों के निर्माण से मुनिकीरेती से रुद्रप्रयाग की दूरी नौ किमी कम हो जाएगी। इससे समय और ईंधन की बचत होगी। मोड़ और चढ़ाई कम होने से वाहनों का आवागमन सुगमता से होगा। विभाग का प्रयास है कि सड़क ऐसी बने कि वाहनों को पास देने या ओवरटेक करने में किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।

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