अदालत भी आहत
- दिल्ली हाई कोर्ट ने मोदी सरकार को फिर दिखाया आईना
- कहा- पीएम को एसपीजी की जरूरत तो देश को युवाओं की
- केंद्र सरकार को उसकी मौजूदा नीतियों को लेकर फटकारा
- हाईकोर्ट ने मोदी सरकार को प्राथमिकता तय करने को कहा
नई दिल्ली। आज मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों और इलाज से जुड़ी दवाओं की कमी पर फिर मोदी सरकार को कड़ी फटकार लगाई। केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर अपनी स्टेट्स रिपोर्ट दायर की थी, जिसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने सवाल खड़े किए। हाईकोर्ट ने रिपोर्ट को अस्पष्ट और सरकार को नॉनकमिटल कहा।
दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र को उसकी मौजूदा नीतियों को लेकर फटकार लगाते हुए कहा कि युवाओं को प्राथमिकता दीजिए। इन्हीं पर भविष्य निर्भर करता है। आप प्रधानमंत्री को एसपीजी सुरक्षा देते हैं? क्योंकि उनके ऑफिस को इसकी जरूरत है। देश को युवाओं की जरूरत है। हाई कोर्ट ने कहा कि हमें यह जानना है कि आज की तारीख में देश को इस 2 लाख 30 हजार के प्रोजेक्टिड आंकड़े में से कितनी दवाएं मिलीं। हमें नहीं जानना कि आप किस कंपनी से खरीद रहे हैं। हमें बताएं कि हमें कितनी दवा मिली। कोर्ट ने सख्ती के साथ केंद्र से कहा कि हम चाहते थे कि आप नीति तैयार करें कि दवा की कमी की स्थिति में पहले किसे प्राथमिकता दी जाए।
हाईकोर्ट ने वैक्सीनेशन को लेकर मोदी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आपके पास वैक्सीनेशन नहीं है तो आप ऐसी घोषणाएं क्यों करते हैं। अगर आप के पास कमी है तो कम से प्राथमिकताएं तय करें। हमें नहीं पता कि आपने 60 प्लस को वैक्सीनेशन पहले देने के बारे में क्यों फैसला लिया? हाई कोर्ट ने कि हमें दुख होता है कि कितने युवाओं को हमने इस बार खो दिया और आप ऐसों की जिंदगी बचाने में लगे हैं जो अपनी जिंदगी जी चुके हैं। हम नहीं कह रहे कि आप सीनियर सिटिज़न्स को प्राथमिकता मत दीजिए, लेकिन अगर कमी है तो कम से कम प्राथमिकताएं तो तय करें। बुजुर्ग देश को नहीं चलाने वाले। दूसरे कई देशों ने अपनी प्राथमिकताएं बदली हैं, अगर उनके सामने किसी तरह की कोई कमी आई। इटली के बारे में हमने पढ़ाा था कि वहां जब बेड कम पड़ गए तो उन्होंने बुजुर्गों को एडमिट करना बंद कर दिया।
दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र को उसकी मौजूदा नीतियों को लेकर फटकार लगाते हुए कहा कि युवाओं को प्राथमिकता दीजिए। इन्हीं पर भविष्य निर्भर करता है। आप प्रधानमंत्री को एसपीजी सुरक्षा देते हैं? क्योंकि उनके ऑफिस को इसकी जरूरत है। देश को युवाओं की जरूरत है। आज हमने पढ़ा की सरकार अनाथ बच्चों के लिए नीतियां लेकर आई है। यह जरूरत ही क्यों पड़े। एक बच्चे को उतना स्नेह और प्यार किसी से नहीं मिल सकता जो उन्हें अपने पैरंट्स से मिलता है। उनके माता पिता को बचाइए।