- वर्ष 2012 में नेहरू कॉलोनी थाने में दर्ज हुआ था घर में घुसकर तोड़फोड़, मारपीट, बलवा, पिस्तौल दिखाकर धमकी देने का मामला
देहरादून। भाजपा विधायक गणेश जोशी और सहदेव पुंडीर पर वर्ष 2012 के एक मामले में घर में घुसकर मारपीट, छेड़छाड़, धमकाने के मुकदमे में आरोप तय हो गये हैं। दोनों विधायक बीते मंगलवार को इस संबंध में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश हुए। अब जल्द ही इस मुकदमे का ट्रायल शुरू किया जाएगा।
मामला 11 अक्तूबर 2012 में एक संगठन की भूमि से जुड़ा है। आरोप है कि मसूरी विधायक गणेश जोशी और सहसपुर विधायक सहदेव पुंडीर के साथ कई लोग उस जमीन पर बने मकान में जबरन घुस गए थे। शिकायत के अनुसार यहां इन लोगों ने वहां मारपीट और तोड़फोड़ के साथ-साथ कई लोगों को चोट पहुंचाई। आरोप यह भी है कि यहां मौजूद महिलाओं से छेड़छाड़ भी की गई थी। हालांकि इस मुकदमे में पुलिस ने निर्धारित समय में चार्जशीट दाखिल कर दी थी, लेकिन हरीश रावत सरकार इस मुकदमे की वापसी में जुट गई थी, जिससे इस प्रकरण में विलंब हुआ।
सरकारी वकील अनूप सिंह के अनुसार इस मुकदमे में काफी दिनों से बहुत से लोग प्रस्तुत नहीं हो रहे थे। ऐसे में विधायक गणेश जोशी व सहदेव पुंडीर की फाइल अलग की गई थी। इसमें आरोप तय करने के लिए सुनवाई हुई। दोनों विधायक बीते मंगलवार को अदालत में पेश हुए थे। इन दोनों विधायकों के खिलाफ आईपीसी 452 (जबरन घर में घुसना), 325 (चोट पहुंचाना), 354 (छेड़छाड़ करना), 147 (बलवा), 148 (घातक हथियार लेकर उपद्रव करना), 323 (मारपीट करना), 427 (संपत्ति को नुकसान पहुंचाना), 504 (गाली गलौच करना) व 506 (जान से मारने की धमकी देना) के आरोप तय किए गए हैं।
गौरतलब है कि वर्ष 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस मुकदमे को वापस लेने के लिए जिलाधिकारी को आदेश दिए थे। इस संबंध में अदालत में भी प्रार्थनापत्र दाखिल किया गया था, लेकिन अदालत ने इस सरकारी आदेश को ठेंगा दिखाते हुए इसे जनहित का मामला नहीं माना और मुकदमा वापस करने से इनकार कर दिया था। इस मामले हरीश रावत सरकार की किरकिरी भी हुई थी।